बीते कुछ वर्षों में देश के कई इलाकों से मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं सामने आई हैं। बच्चा चोरी के शक में अफवाहों को मान लोगों को पीटे जाने की खबरें लगातार सामने आती रही हैं। अभी कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र के सांगली में चार साधुओं को बच्चा चोरी के शक में पीटा गया, जिन्हें किसी तरह पुलिस ने बचाया। यूपी के रहने वाले ये चार साधु पंढरपुर दर्शन के लिए गए थे। यह कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी कई बार बेगुनाह भीड़ का शिकार बने हैं।
16 अप्रैल 2020 को महाराष्ट्र के पालघर जिले में बच्चा चोरी के शक में 2 साधुओॆ समेत 3 लोगों की भीड़ ने बेरहमी से पिटाई की थी। दोनों साधुओं को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था।
मॉब लिंचिंग की ज्यादा घटनाएं बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड से सामने आती हैं।
झारखंड के सिमडेगा जिले में भीड़ द्वारा एक युवक को पत्थरों और लाठियों से मारने के बाद आग के हवाले करने का मामला सामने आया था। भीड़ ने युवक पर लकड़ी तस्करी का आरोप लगाकर उसे पीटने के बाद आग के हवाले कर दिया था।
मेघालय के जोवाई जेल से फरार अपराधियों को एक गिरोह का हिस्सा होने के शक में शांगपुंग में गुस्साई भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। 10 सितंबर को गार्ड पर चाकू से हमला करने के बाद ये अपराधी जोवाई जिला जेल से भाग जंगलों में जा छिपे थे।
अफवाहों का फैलना कोई नई बात नहीं है। साल 2001 में दिल्ली एनसीआर में मंकी मैन की अफवाह फैली थी। इसमें दावा किया गया था कि मंकी मैन के शरीर पर काले घने बाल हैं और उसका चेहरा हेलमेट से ढका रहता है। इस दौरान मंकी मैन के हमला करने और कई लोगों के घायल होने की खबरें भी सामने आई थी। इस अफवाह के चलते लोग घर से बाहर निकलने से डरने लगे थे।
झारखंड में बीते कई सालों से ऐसी घटनाएं सामने आती रही हैं जिसमें महिलाओं को डायन बताकर उनके साथ मारपीट की जाती है। कुछ दिनों पहले ही रांची में तीन महिलाओं को डायन बताकर उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
वर्ष 2018 में सर्वोच्च न्यायालय ने मॉब लिंचिंग को ‘भीड़तंत्र के एक भयावह कृत्य’ के रूप में संबोधित करते हुए केंद्र व राज्य सरकारों को कानून बनाने के दिशा-निर्देश दिए थे। भारतीय दंड संहिता आईपीसी (IPC) में लिंचिंग जैसी घटनाओं के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर किसी तरह का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। भीड़ द्वारा किसी की हत्या किए जाने पर IPC की धारा 302 और 149 को मिलाकर पढ़ा जाता है और इसी तरह भीड़ द्वारा किसी की हत्या का प्रयास करने पर धारा 307 और 149 के तहत कार्यवाही की जाती है।
(HS)