मिस यूनिवर्स (Miss Universe2025) का ताज (Crown) दुनिया की हजारों युवा मॉडल्स के लिए किसी सपने से कम नहीं होता है। हर साल यह मंच न सिर्फ खूबसूरती, बल्कि आत्मविश्वास, हिम्मत और व्यक्तित्व की असली परीक्षा लेता है। साल 2025 की मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता भी कुछ ऐसा ही लेकर आया है। ड्रामा, विवाद, भावनाएँ और इसके बाद अंत में एक ऐतिहासिक जीत। इस बार मिस यूनिवर्स का ताज (Crown) मैक्सिको की सुंदर और आत्मविश्वासी मॉडल फातिमा बॉश (Fatima Bosch) के नाम रहा है, जिन्होंने तमाम विवादों और चुनौतियों का सामना करते हुए यह मुकाम हासिल किया। आपको बता दें भारत की ओर से मनिका विश्वकर्मा भी इस प्रतियोगिता का हिस्सा बनीं,और वो टॉप 30 तक पहुंचीं, लेकिन टॉप 12 में नहीं जगह बना सकीं। ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर कौन हैं फातिमा बॉश ? और क्यों मिस यूनिवर्स 2025 उनके लिए इतना विवादों से भरा सफर बन गया ?
इस साल प्रतियोगिता में कई देशों की प्रतिभागियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। जिसमें की फाइनल में पहुंचने वाली पतियोगी जिनका नाम टॉप 5 में शामिल है - कोत दिव्वार जो की चौथी रनरअप हैं, फिलिपिन्स तीसरी रनरअप हैं, और वेनेजुएला सेकंड रनरअप व थाईलैंड जो की फर्स्ट रनरअप हैं उसके बाद विजेता (मिस यूनिवर्स 2025) जो की मैक्सिको की फातिमा बॉश (Fatima Bosch) हैं। आपको बता दें विवादों के बीच फातिमा की जीत ने इस प्रतियोगिता को इतिहास के सबसे चर्चित सीज़न में बदल दिया।
फातिमा बॉश (Fatima Bosch) का जन्म मैक्सिको के टैबास्को में सैंटियागो डी टीपा में हुआ था। इनका खूबसूरत चेहरा, तेज़ दिमाग और कला के प्रति जुनून इन्हीं तीन गुणों ने उन्हें दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित मंच तक पहुंचाया है। फातिमा बॉश ने मेक्सिको की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिडैड इबेरोअमेरिकाना से फैशन डिज़ाइन की पढ़ाई की।
फातिमा का बचपन बिल्कुल आसान नहीं था। उनका कहना है की वो डिस्लेक्सिया और ADHD से जूझती थीं, जिसकी वजह से उन्हें पढ़ने-लिखने में कठिनाई होती थी। स्कूल में कई बार उन्हें बदमाशी और मजाक का सामना भी करना पड़ता था। लेकिन उन्होंने इन कमजोरियों को अपनी ताकत बना लिया। उनका कहना है की "मेरे संघर्षों ने मुझे मजबूत बनाया। बिना इन मुश्किलों के मैं आज यह मुकाम हासिल नहीं कर पाती।"
आपको बता दें उनका ब्यूटी पेजेंट सफर 2018 में शुरू हुआ, जब उन्होंने ‘फ्लोर डी ओरो’ का खिताब जीता। इसके बाद उन्होंने कई स्थानीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी छाप छोड़ी। उनकी गंभीरता, दृढ़ता और अनोखी सुंदरता ने उन्हें तेजी से लोकप्रिय बना दिया। फिर वो साल 2025 में मिस यूनिवर्स मैक्सिको बनीं, लेकिन उसके बाद ही विवादों का सिलसिला भी शुरू हो गया।
आइये जानते हैं विवाद की शुरुआत कैसे हुई थी, आखिर क्या हुआ था फातिमा और थाईलैंड के डायरेक्टर के बीच ? मिस यूनिवर्स (Miss Universe2025) 2025 थाईलैंड में आयोजित हुआ था, और इसके बाद यहीं से विवाद शुरू हो गया। आपको बता दें इवेंट के डायरेक्टर नवात इत्साराग्रिसिल ने फातिमा पर आरोप लगाया कि उन्होंने थाईलैंड से जुड़ी प्रमोशनल पोस्ट सोशल मीडिया पर ठीक से नहीं की हैं। लाइव इवेंट के दौरान ही नवात ने फातिमा को डांटते हुए कहा कि वो अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभा रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने बेहद अभद्र शब्द का इस्तेमाल कर दिया, हैरान करने वाली बात यह है की उन्होंने उन्हें ‘Dump Head’ (डम्बहेड) कह दिया। सबसे बड़ी बात तो यह है की यह टिप्पणी कैमरे पर कैद हो गई और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। उसके बाद फातिमा को यह व्यवहार बेहद अपमानजनक लगा और उन्होंने स्टेज छोड़कर जाने का फैसला कर लिया।
उसके बाद कुछ अन्य कंटेस्टेंट भी उनके समर्थन में चली गईं। माहौल इतना गर्म हो गया कि शो के बीचोंबीच हंगामा मच गया। बाद में डायरेक्टर नवात ने सफाई में कहा कि यह मजाक था, लेकिन फैंस और दर्शक मानने को तैयार नहीं थे। मिस यूनिवर्स ऑर्गेनाइजेशन ने न केवल इस पर आपत्ति जताई, बल्कि नवात के खिलाफ लीगल एक्शन की भी बात कही।
फातिमा बॉश (Fatima Bosch) के लिए यह पहला विवाद नहीं था। इससे पहले 2025 में ही जब वो मिस यूनिवर्स (Miss Universe2025) मेक्सिको बनी थी, तब भी लाइव ऑडियंस ने उनके नाम की घोषणा पर तिरस्कार किया था। लोगों का उम्मीद था कि याओना गुटरेज या मिस जैलिस्को में से कोई एक जीतेगी। लेकिन जब फातिमा का नाम आया, तो बहुत से लोग 'जेसिका विन' के नाम के नारे लगाने लगे। उसके बाद मंच पर सिर्फ चार कंटेस्टेंट्स ने उन्हें गले लगाया, बाकी प्रतियोगियों ने रनर-अप को सपोर्ट किया।
हालांकि फातिमा (Fatima Bosch) ने उस समय शांति बनाए रखी, लेकिन बाद में उन्होंने कहा की "सिस्टरहुड सिर्फ बातों से नहीं बनता, यह दिल से निभाया जाता है। सिर्फ चार लड़कियों ने मुझे ईमानदारी से सपोर्ट किया वो ही असली क्वीन हैं।" उनका यह बयान सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहा।
4 नवंबर की रात, जब फातिमा नाराज (Fatima Bosch) होकर स्टेज छोड़कर गईं, तब किसी को उम्मीद नहीं थी कि वो वापस आएंगी। लेकिन कुछ देर बाद वो वापस लौटीं वो भी पूरी शालीनता और आत्मविश्वास के साथ। उसके बाद उन्होंने कहा की "अपमानित होना किसी के लिए भी आसान नहीं होता, लेकिन मेरा काम है खुद को साबित करना।" उनकी वापसी ने दर्शकों और जजों को प्रभावित कर दिया और यह स्पष्ट था कि उनकी हिम्मत किसी से कम नहीं है, और फिर आया वो पल जिस पल का हर लड़की सपना देखती है
अंतिम राउंड में फातिमा ने न केवल ग्रेस और कॉन्फिडेंस दिखाया, बल्कि अपने शानदार जवाबों से साबित किया कि वो इस ताज (Crown) की हकदार हैं। उसके बाद मिस यूनिवर्स (Miss Universe2025) 2024 विक्टोरिया थेलविग ने उन्हें क्राउन पहनाया, और पूरा मंच तालियों से गूंज उठा। विवादों, आलोचनाओं और भावनात्मक उथल-पुथल के बावजूद उन्होंने ताज अपने नाम किया। यही वजह है कि दुनिया भर में लोग उनके संघर्ष और जीत की कहानी से प्रेरित हो रहे हैं।
फातिमा बॉश (Fatima Bosch) ने अपमान झेलकर भी प्रतियोगिता नहीं छोड़ी, उन्होंने कई मंचों पर स्ट्रेस, बुलिंग और डिस्लेक्सिया के बारे में खुलकर बात की उसके बाद उन्होंने साबित किया कि काबिलियत आलोचनाओं से बड़ी होती है। इसलिए फातिमा बॉश बन गई चर्चा का केंद्र और अब सोशल मीडिया पर उनकी मजबूती की कहानी लाखों लोगों को प्रेरित कर रही है।
फातिमा बॉश (Fatima Bosch) की कहानी सिर्फ मिस यूनिवर्स (Miss Universe2025) जीतने तक की कहानी नहीं है, बल्कि यह कहानी है साहस, आत्मसम्मान और संघर्षों को जीत में बदलने की।
विवाद कितने भी बड़े हों, और आलोचना कितनी भी तीखी हो, लेकिन अगर आपके अंदर आत्मविश्वास है, तो सफलता आपको मिल ही जाती है। आज फातिमा सिर्फ एक मिस यूनिवर्स नहीं हैं, बल्कि यह दुनिया भर की उन लड़कियों की प्रेरणा बन गई हैं, जो अपने सपनों को लेकर संघर्ष कर रही हैं। [Rh/PS]