Success Story - आज गोलगप्पे बेचकर ही हर रोज़ 1500 रुपये की कमाई कर रहे हैं(Wikimedia Commons) 
अन्य

एक हाथ कट गया, लेकिन फिर भी हिम्मत नहीं हारे बृजेश

बृजेश प्रजापति सरसों के तेल की फैक्ट्री में काम करते थे। वहां पर उन्हें सिर्फ 5000 रुपये ही मिलते थे। वही पर काम करते हुए मशीन में इनका हाथ चला गया था। जिससे इनका दाहिना हाथ कट गया था।

न्यूज़ग्राम डेस्क

Success Story - घायल तो यहां हर परिंदा है। मगर जो फिर से उड़ सका वहीं जिंदा है.. ये लाइन आप सभी ने कभी न कभी जरूर सुनी होगी आज ये लाइन का जीता जागता उदाहरण बन गए है बृजेश कुमार। बृजेश कुमार की कहानी बेहद दिलचस्प और हादसों से भरी हुई हैलेकिन उन्होंने हार को पीछे छोड़ आगे बढ़े और इसका नतीजा आज यह है कि एक साल में बृजेश पांच लाख रुपये से भी ज्यादा कमा रहे हैं। दरअसल लखनऊ के रहने वाले बृजेश कुमार प्रजापति के साथ 16 साल पहले एक बड़ा हादसा हो गया था। बृजेश प्रजापति सरसों के तेल की फैक्ट्री में काम करते थे। वहां पर उन्हें सिर्फ 5000 रुपये ही मिलते थे। वही पर काम करते हुए मशीन में इनका हाथ चला गया था। जिससे इनका दाहिना हाथ कट गया था।

इस हादसे से उबरने के लिए वह कुछ वक्त तक अपने गांव में रहने रहे फिर लखनऊ लौटे और यहां पर गोलगप्पे बेचना शुरू किया। आज गोलगप्पे बेचकर ही हर रोज़ 1500 रुपये की कमाई कर रहे हैं और एक महीने में 45000 रुपये कमा रहे हैं। इसी प्रकार यह एक साल में पांच लाख चालीस हजार की कमाई हो रही है।

जैसे ही मोहल्ले में जाते हैं खाने वालों की भीड़ लग जाती है।(Wikimedia Commons)

घर - घर जाकर बेचते है

बृजेश प्रजापति ने बताया कि सड़कों पर मार्केट में तो तमाम गोलगप्पे के स्टॉल मिल जाएंगे लेकिन अब कोई भी गोलगप्पे को मोहल्ले में बेचने नहीं जाता। कई लोग महिलाएं या बच्चे हमेशा बाहर निकल कर बाजार में गोलगप्पे नही खा पाते है लेकिन अगर घर घर जाकर बेचे तो वो घर से बाहर निकल कर खा पाते है । इसी मंशा के साथ इन्होंने कहीं पर कोई दुकान नहीं लगाई बल्कि सभी प्रमुख मोहल्ले में जाना शुरू किया और जैसे ही यह मोहल्ले में जाते हैं खाने वालों की भीड़ लग जाती है।

पत्नी और बच्चे भी है

बृजेश प्रजापति बताते हैं कि उनके परिवार में उनकी दो बेटियां और एक बेटा है। शादी के एक साल बाद ही उनके साथ यह हादसा हो गया था। लेकिन पत्नी ने हिम्मत दी। पत्नी ने साथ नहीं छोड़ा। यही वजह है कि आज अच्छी कमाई कर रही है। बृजेश प्रजापति बताते हैं कि उन्होंने सिर्फ इंटर तक ही पढ़ाई की है।

भगवान जगन्नाथ का रथ खींचती हैं जो रस्सियाँ, उनके पीछे छिपा है एक आदिवासी समाज!

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह

जहां धरती के नीचे है खजाना, वहां ऊपर क्यों है गरीबी का राज? झारखंड की अनकही कहानी