World Environment Day : प्रकृति बिना मानव जीवन संभव नहीं। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि हम पेड़- पौधों, जंगलों, नदियों, झीलों, भूमि, पहाड़ सबके महत्व को समझें इसलिए पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने के उद्देश से विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। पर्यावरण संरक्षण आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर और सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है इसके साथ ही मानव और पर्यावरण के बीच गहरे संबंध को समझाना भी बेहद जरूरी है। तभी लोग इसके प्रति अपनी जिम्मेदारी समझेंगे।
साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन के दौरान 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का एक प्रस्ताव पारित किया था। इसके बाद से प्रत्येक साल इस दिन को मनाया जाने लगा। आपको बता दें पहला विश्व पर्यावरण दिवस 1973 में “केवल एक पृथ्वी” थीम के साथ मनाया गया था।
हर साल विश्व पर्यावरण दिवस को एक थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल की थीम है- 'भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखा सहनशीलता'। साल 2023 में इस दिन को 'बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन' थीम के साथ मनाया गया था। आपको बता दें 5 जून को मनाए जाने वाले विश्व पर्यावरण दिवस को वनमहोत्सव के नाम से भी जाना जाता है।
प्रदूषण की समस्या भारत के साथ - साथ कई दूसरे देशों में भी देखने को मिल रही है और लगातार बढ़ता प्रदूषण सिर्फ मनुष्यों के लिए ही नहीं, बल्कि जानवर और हमारी प्रकृति के लिए भी खतरनाक है। स्वस्थ और स्वच्छ प्रकृति ही मानव जीवन का आधार माना जाता है। प्रकृति हमें जीवन जीने के लिए सभी जरूरी चीजें उपलब्ध कराती है। ऐसे में इसका दोहन हमारे जनजीवन को प्रभावित कर सकता है। प्रकृति को प्रदूषण और दूसरे खतरों से बचाने के उद्देश्य से पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण और ऊर्जा संरक्षण जैसे उपायों को अपनाकर हम पर्यावरण की रक्षा में बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं।