Zayed Award : नहदलातुल उलमा देश भर में हजारों मदरसे और इस्लामिक स्कूल चलाता है। (Wikimedia Commons) 
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इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ आवाज उठाता है ये संगठन, जायद अवॉर्ड से किया गया सम्मानित

नहदलातुल उलमा इंडोनेशिया का एक इस्लामिक संगठन है। इसकी स्थापना 1926 में इंडोनेशिया के अंदर इस्लामिक तौर तरीकों से समाज सुधार करने के लिए की गई थी।

न्यूज़ग्राम डेस्क

Zayed Award : इस्लामिक संगठन नहदलातुल उलमा को सामाजिक कामों, शिक्षा, शांति और धार्मिक सहिष्णुता के लिए यूएई के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसका नाम जायद अवॉर्ड है, यह अवॉर्ड मिलने के बाद नहदलातुल उलमा के स्कॉलर उलिल अबशार-अब्दल्ला ने कहा, “शांति और धार्मिक सहिष्णुता के लिए नहदलातुल उलमा एक शानदार इंडोनेशियाई मॉडल है। हमारा संगठन 121 मिलियन सदस्यों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा इस्लामी संगठन है।” अपने मेहनत से ये संगठन इंडोनेशियाई फिलॉसफी पेनकासिला को देश में बनाए रखने में सफल हुआ है।

क्या करता है ये संगठन ?

नहदलातुल उलमा इंडोनेशिया का एक इस्लामिक संगठन है। इसकी स्थापना 1926 में इंडोनेशिया के अंदर इस्लामिक तौर तरीकों से समाज सुधार करने के लिए की गई थी। नहदलातुल उलमा शांति, सहिष्णुता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देते है साथ ही यह संगठन इस्लाम के उदारवादी विचारों को भी बढ़ावा देते है। इसने इंडोनेशिया में इस्लामिक कट्टरपंथ को रोकने के लिए कई मुहिम चलाई गई है।

कट्टरवादी इस्लाम से इंडोनेशिया को बचाए रखने में इस संगठन का बड़ा महत्त्वपूर्ण योगदान है। उलिल अबशार-अब्दल्ला ने ‘खलीज टाइम्स’ को बताया दूसरे मुस्लिम देशों की तरह हमें भी कट्टरपंथ की समस्या का सामना करना पड़ा। सबसे बड़ी चुनौतियों में इंडोनेशिया में इस्लामिक राज्य की स्थापना का विचार रहा है।

इस संगठन द्वारा ऐसी शिक्षा दी जा रही है जो संयम पर आधारित है। ये शिक्षा, बहुलता, विविधता और अन्य धर्मों का सम्मान करना सिखाती है। (Wikimedia Commons)

पेनकासिला पर आधारित है यह देश

उलिल अबशार-अब्दल्ला ने बताया कि इंडोनेशिया एक सेक्यूलर देश है, जहां कई धर्म के लोग रहते हैं और हमारा देश एक बहु-सांस्कृतिक देश है। हमें इसकी इसी विभिन्नता को कायम रखना है। इसके लिए हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इंडोनेशिया में पेनकासिला के पांच सिद्धांत हैं- एक ईश्वर (एक ईश्वर में विश्वास), सभ्य मानवता, राष्ट्रीय एकता, विचारशील लोकतंत्र और सामाजिक न्याय। देश के इसी मिजाज को बचाने के लिए नहदलातुल उलमा ने काम किया और इस्लामी शिक्षा को फैलाते हुए देश को कट्टरवाद से भी दूर रखा है।

शिक्षा पर देते हैं विशेष ध्यान

अबशार-अब्दल्ला ने बताया कि नहदलातुल उलमा देश भर में हजारों मदरसे और इस्लामिक स्कूल चलाता है। इन मदरसों में कम फीस के साथ छात्रों को पढ़ाया जाता है। इस संगठन द्वारा ऐसी शिक्षा दी जा रही है जो संयम पर आधारित है। ये शिक्षा, बहुलता, विविधता और अन्य धर्मों का सम्मान करना सिखाती है। इसके अलावा ये देश में कई जागरुक अभियान भी चलाते हैं जिनमें युवाओं को इस्लाम में दूसरे धर्म के सम्मान की अहमियत के बारे में बताया जाता है।

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