मणिपुर(Manipur) में भीड़ द्वारा दो युवतियों को सड़क पर नग्न घुमाए जाने का भयावह वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया, जिसकी व्यापक निंदा हो रही है।(Image: Wikimedia Commons)  
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मणिपुर में कथित तौर पर सामूहिक दुष्‍कर्म के बाद 2 महिलाओं को कैमरे के सामने नग्न घुमाया गया, घटना की चौतरफा निंदा

मणिपुर में भीड़ द्वारा दो युवतियों को सड़क पर नग्न घुमाए जाने का भयावह वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया है, जिसकी व्यापक निंदा हो रही है और सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

 मणिपुर(Manipur) में भीड़ द्वारा दो युवतियों को सड़क पर नग्न घुमाए जाने का भयावह वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया है, जिसकी व्यापक निंदा हो रही है और सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।

इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने दावा किया कि 4 मई को दोनों महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में उनके साथ सामूहिक दुष्‍कर्म किया गया और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) सुप्रीमो प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन समेत कई राजनीतिक नेताओं ने घटना की कड़ी निंदा की और कड़ी कार्रवाई की मांग की।

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मणिपुर पुलिस ने एक ट्वीट में कहा : "4 मई, 2023 को अज्ञात सशस्त्र बदमाशों द्वारा दो महिलाओं को नग्न परेड कराने के वायरल वीडियो के संबंध में दोषियों को गिरफ्तार करने के हर संभव प्रयास  किया गया। वायरल वीडियो के संबंध में नोंगपोक सेकमाई पीएस (थौबल जिला) में अज्ञात सशस्त्र बदमाशों के खिलाफ अपहरण, सामूहिक दुष्‍कर्म और हत्या आदि का मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू कर दी गई है। राज्य पुलिस पूरी तरह से कार्रवाई कर रही है। दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का प्रयास किया जाएगा।”

आईटीएलएफ ने कड़े शब्दों में एक बयान में कहा कि मणिपुर में जातीय संघर्ष के ढाई महीने बाद भी कुकी-ज़ो आदिवासियों के खिलाफ किए गए अत्याचारों के सबूत सामने आते रहे हैं।

आईटीएलएफ के प्रवक्ता गिन्ज़ा वुअलज़ोंग ने एक बयान में कहा, "बुधवार को वायरल हुए एक वीडियो में मैतेई की एक बड़ी भीड़ दो कुकी-ज़ो आदिवासी महिलाओं को सामूहिक दुष्‍कर्म के लिए धान के खेत की ओर नग्न घुमाती हुई दिख रही है। यह घृणित दृश्य, जो 4 मई को कांगपोकपी जिले में हुआ था, पुरुषों को असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ करते हुए दिखाता है, जो रोती हैं और अपने बंधकों से गुहार लगाती हैं।"

उन्होंने कहा कि बी फीनोम गांव में महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्‍कर्म की घटना तब हुई, जब गांव को जला दिया गया और भीड़ ने दो पुरुषों - एक अधेड़ और दूसरे किशोर को बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला।

बयान में कहा गया है कि इन निर्दोष महिलाओं को जिस भयानक यातना का सामना करना पड़ा, वह अपराधियों के उस वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा करने के फैसले से और भी बढ़ गया है, जो पीड़ितों की पहचान दर्शाता है।

बयान में कहा गया है कि आईटीएलएफ इस घृणित कृत्य की कड़ी निंदा करता है और केंद्र और राज्य सरकारों, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से अपराध का संज्ञान लेने और दोषियों को न्याय दिलाने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने की मांग करता है। 

घटना की कड़ी निंदा करते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, "मणिपुर से आ रही महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। महिलाओं के खिलाफ हिंसा की इस भयावह घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा खामियाजा महिलाओं और बच्चों को भुगतना पड़ता है। हम सभी को मणिपुर में शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए एक स्वर में हिंसा की निंदा करनी चाहिए। केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंखें मूंदकर क्यों बैठे हैं? क्या ऐसी तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें परेशान नहीं करतीं?"

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है। जब मणिपुर में भारत के विचार पर हमला किया जा रहा है तो भारत चुप नहीं रहेगा। हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं। शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।"

टीएमपी प्रमुख देब बर्मन ने ट्वीट किया, "मणिपुर से परेशान करने वाले वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसमें एक विशेष समुदाय की महिला को भीड़ द्वारा नग्न कर घुमाया जा रहा है। वहां दोनों समुदायों के रिश्ते पूरी तरह से टूट गए हैं। मणिपुर में नफरत की जीत हुई है।" (IANS/AK)

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