इस बार के समारोह में खासतौर पर ऑपरेशन सिंदूर को याद किया गया, जो भारतीय वायुसेना के गौरवशाली इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है।
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) (आईएएफ), जो भारतीय सशस्त्र बलों की हवाई शाखा है, आधिकारिक तौर पर 8 अक्टूबर 1932 को ब्रिटिश भारत की सहायक वायु सेना के रूप में स्थापित हुई थी। इसका प्राथमिक मिशन भारतीय वायु क्षेत्र की सुरक्षा करना और सशस्त्र संघर्षों के दौरान हवाई युद्ध करना है। तब से यह बल दुनिया की सबसे दुर्जेय वायु शक्तियों में से एक के रूप में विकसित हुआ है।
इस विशेष अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी और चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी हिंडन एयरबेस पहुंचे और कार्यक्रम में शिरकत की।
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने समारोह के दौरान आयोजित परेड का निरीक्षण किया, जिसमें देश के आकाश के रक्षकों को ऑपरेशन सिंदूर में उनकी बहादुरी के लिए सम्मानित किया गया। इस परेड में वायु सैनिकों ने भव्य मार्च पास्ट किया, वहीं लड़ाकू विमान रनवे पर प्रदर्शित किए गए, जिससे दर्शकों ने भारत की हवाई ताकत और उसकी सटीकता को करीब से देखा।
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, "इस दिन का जश्न मनाते हुए हम भारतीय वायुसेना की बहादुरी, समर्पण और अडिग भावना को नमन करते हैं, जिन्होंने हमारे देश के आसमान को सुरक्षित रखा है।"
उन्होंने आगे कहा, "दुनिया एक बड़े भू-राजनीतिक बदलाव के दौर से गुजर रही है और हाल के संघर्षों ने यह साफ कर दिया है कि हवाई ताकत राष्ट्रीय लक्ष्यों को हासिल करने में निर्णायक भूमिका निभाती है। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से हमने यह साबित किया कि वायु शक्ति ही आधुनिक युद्धों के परिणाम तय करती है।"
ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) 7 मई को पहलगाम हमले की जवाबी कार्रवाई में शुरू की गई थी। यह भारतीय सशस्त्र बलों की एक उच्च-सटीक, खुफिया जानकारी आधारित कार्रवाई थी। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान के अंदर स्थित नौ आतंकवादी शिविरों को ध्वस्त किया गया।
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