सरकार की ओर से आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल विभाजन (Digital Divide) को कम करना है।
सरकार के अनुसार, भारतीय डाक के 1.65 लाख डाकघर बीएसएनएल प्रीपेड सिम कार्ड और टॉप-अप सेवाओं के लिए बिक्री केंद्र के रूप में काम करेंगे। बीएसएनएल सिम स्टॉक और प्रशिक्षण प्रदान करेगा, जबकि डाक विभाग बीएसएनएल के लिए नए ग्राहकों को जोड़ेगा और मानकीकृत एवं सुरक्षित तरीके से लेनदेन की सुविधा प्रदान करेगा।
बयान में कहा गया है कि असम में चले पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया जा रहा है।
इस पहल का उद्देश्य बीएसएनएल (BSNL) की दूरसंचार सेवाओं को खासकर देश के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले नागरिकों के लिए और अधिक सुलभ एवं किफायती बनाना है, जिन्हें अकसर सीमित कनेक्टिविटी की समस्या का सामना करना पड़ता है।
डाक विभाग की महाप्रबंधक (नागरिक केंद्रित सेवाएं और आरबी) मनीषा बंसल बादल ने कहा, "यह साझेदारी भारतीय डाक की विश्वसनीय पहुंच को बीएसएनएल की दूरसंचार विशेषज्ञता के साथ जोड़ती है जिससे प्रत्येक नागरिक को किफायती और सुलभ कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके।"
दोनों पक्ष संयुक्त रूप से मजबूत निगरानी, मासिक मिलान और साइबर सुरक्षा एवं डेटा गोपनीयता मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करेंगे।
बीएसएनएल के दूरसंचार बुनियादी ढांचे को भारतीय डाक की देशव्यापी उपस्थिति के साथ जोड़कर, यह साझेदारी नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के तालमेल में एक नया मानदंड स्थापित करती है।
बीएसएनएल ने हाल ही में आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए देश भर में मेक-इन-इंडिया, अत्याधुनिक 4जी मोबाइल नेटवर्क स्थापित किया है।
इस वर्ष की शुरुआत में, केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीएसएनएल को विफलता के कगार से वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के रणनीतिक पुनरुद्धार कदमों को श्रेय देते हुए कहा था कि सरकार द्वारा संचालित दूरसंचार दिग्गज को पिछली सरकार ने 'वेंटिलेटर सपोर्ट' पर छोड़ दिया था।
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