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चीन की मंशा LAC विवाद को जिंदा रखने की है- सेना प्रमुख मनोज पांडे

NewsGram Desk

न्यूजग्राम हिन्दी: सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे(Manoj Pandey) ने सोमवार को कहा कि चीन LAC पर सीमा विवाद का समाधान खोजने की कोशिश नहीं कर रहा है। उसकी मंशा इस विवाद को जिंदा रखने की रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय सैनिक LAC पर महत्वपूर्ण स्थानों पर बने हुए हैं। मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत के दौरान, जनरल पांडे ने कहा, उनके (LAC पर तैनात सैनिकों) लिए हमारा मार्गदर्शन द्रढ़ है और यथास्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास को रोकना है।

सीमा पर मौजूदा स्थिति और चीन की मंशा के बारे में बात करते हुए जनरल पांडे(Manoj Pandey) ने कहा, मूल मुद्दा सीमा का समाधान है। हम जो देखते हैं वह यह है कि चीन की मंशा सीमा(LAC) मुद्दे को जीवित रखने की रही है। एक देश के रूप में हमें संपूर्ण राष्ट्र द्राष्टिकोण की आवश्यकता है और सैन्य क्षेत्र में यह LAC पर यथास्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास को रोकने और उसका मुकाबला करने के लिए है।

सेना प्रमुख(Manoj Pandey) ने कहा कि उनका उद्देश्य और इरादा 2020 से पहले यथास्थिति स्थापित करना है। लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह एकतरफा मामला नहीं हो सकता और इसके लिए दोनों पक्षों की ओर से प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख की स्थिति से निपटने के लिए पुनसंर्तुलन और पुनर्रचना का निर्णय लिया है।

किसी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त बल उपलब्ध हैं-सेना प्रमुख (Wikimedia Commons)

उन्होंने(Manoj Pandey) आगे कहा कि सीमा विवाद के बाद से, सुरक्षा बल पुनर्मूल्यांकन कर रहा है और एलएसी के साथ एक मजबूत स्थिति बनाने के लिए कुछ कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने कहा, किसी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त बल उपलब्ध हैं।

सेना प्रमुख(Manoj Pandey) ने जोर देते हुए कहा कि LAC पर सेना का फोकस इंटेलिजेंस सर्विलांस एंड रिकोनिसेंस (आईएसआर) को अपग्रेड करना और ऑपरेशन और लॉजिस्टिक्स को सपोर्ट करने के लिए हमारे इंफ्रास्ट्रक्च र का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकियों को शामिल करना संपूर्ण उत्तरी सीमा पर क्षमता विकास की चल रही प्रक्रिया का हिस्सा है।

चीन के साथ सीमा विवाद को हल करने के लिए, सेना प्रमुख(Manoj Pandey) ने कहा, भारत राजनयिक और सैन्य वार्ता में संलग्न है, जिसके परिणामस्वरूप अब तक पैंगोंग सो, गोगरा और पीपी 14 (गलवान घाटी) के उत्तर और दक्षिण में सैनिकों के पीछे हटने का काम हुआ है।

आईएएनएस(LG)

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