केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission) ने निवारक सतर्कता तंत्र के महत्व पर जोर देते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Banks) और केंद्र सरकार (Central Government) के विभागों को संवेदनशील पदों की नियमित रूप से पहचान करने और समय सीमा के अनुसार अधिकारियों के रोटेशन को सुनिश्चित करने के लिए कहा है। सीवीसी ने 25 अक्टूबर को अपने आदेश में कहा, संवेदनशील पदों पर बैठे अधिकारियों के आवधिक रोटेशन से अधिकारियों द्वारा निहित स्वार्थ विकसित करने के दायरे को खत्म करने में मदद मिलेगी और भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त होने की गुंजाइश भी कम होगी। यह आदेश सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सचिवों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, बीमा कंपनियों और उद्यमों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को जारी किया गया है।
इसमें कहा गया है, संवेदनशील पदों की पहचान और संवेदनशील पदों पर बैठे अधिकारियों का बारी-बारी से तबादला निवारक सतर्कता तंत्र के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उपकरणों में से एक है। सीवीसी (CVC) ने अपने आदेश में यह भी कहा कि संवेदनशील पदों की पहचान से संबंधित पहले जारी दिशा-निर्देशों का कई संगठनों द्वारा पालन नहीं किया गया है।
आगे कहा कि मुख्य सतर्कता अधिकारियों (सीवीओ) को संबंधित संगठनों के मुख्य कार्यकारी/प्रबंधन के परामर्श से अपने संगठनों में संवेदनशील पदों की तुरंत पहचान करनी चाहिए। सीवीसी ने अपने आदेश में कहा कि भविष्य में हर तीन साल के अंतराल के बाद संवेदनशील पदों की समीक्षा और पहचान करने की कवायद की जा सकती है। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जा सकता है कि संवेदनशील पदों पर रहने वाले अधिकारियों को आयोग और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा समय-समय पर निर्धारित समय सीमा के अनुसार बिना किसी अपवाद के ऐसे पदों से स्थानांतरित/पोस्ट किया जाता है।
आदेश में यह भी कहा गया है कि लगातार बदलते परिदृश्य और संगठनों के कामकाज में प्रौद्योगिकी (technology) के बढ़ते उपयोग को देखते हुए, यह महत्वपूर्ण है कि संवेदनशील पदों की सूची की नियमित अंतराल पर समीक्षा और अद्यतन किया जाए।
आईएएनएस/RS