पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 3 दिसंबर की सुबह करीब 6 बजे हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास बारापुला फ्लाईओवर के नीचे एक अज्ञात पुरुष का शव मिला था। शव की शिनाख्त उत्तर प्रदेश के अयोध्या निवासी कुलदीप उर्फ राम सिंह के रूप में हुई। मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने एसटीएफ, नारकोटिक्स स्क्वाड और पुलिस स्टेशन सराय काले खान की एक टीम बनाई। इस टीम ने 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की।
इस दौरान जैन मंदिर भोगल के पास एक सीसीटीवी फुटेज मिला, जिससे मुख्य आरोपी इमरान पनवाड़ी (Imran Panwadi) और उसके साथी आरोपियोंं (Criminals) का चेहरा पहचानने में मदद मिली। इसके बाद इमरान पनवाड़ी (19 साल) और तीन नाबालिगों को धर दबोचा।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे इमरान का जन्मदिन मनाने के बाद इंडिया गेट जा रहे थे। भोगल में शौचालय के पास कुलदीप से उनकी कहासुनी हो गई थी। गुस्से में उन्होंने कुलदीप का मर्डर कर दिया और उसकी कार लूटकर फरार हो गए। पुलिस ने अपराध में इस्तेमाल किए गए चाकू, खून से सने कपड़े, और कुलदीप की चोरी हुई कार भी बरामद की।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी छुपने के लिए लगातार स्थान बदल रहे थे, लेकिन पुलिस लगातार उन पर नजर बनाए हुई थी। इससे पहले 30 नवंबर को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने आली विहार के कुख्यात अपराधी विजय शर्मा उर्फ बॉबी पंडित को गिरफ्तार किया था। बॉबी पिछले दो महीने से फरार था। उस पर 28-29 सितंबर 2025 की रात सरिता विहार थाना क्षेत्र के आली विहार में रामलीला देखकर लौट रहे युवक आदित्य सिंह की पीठ में चाकू घोंपने का आरोप था।
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