राज्यपाल रहते द्रौपदी मुर्मू ने कर लिया था 'नई शिक्षा नीति' का अध्ययन : निशंक
राज्यपाल रहते द्रौपदी मुर्मू ने कर लिया था 'नई शिक्षा नीति' का अध्ययन : निशंक IANS
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राज्यपाल रहते द्रौपदी मुर्मू ने कर लिया था 'नई शिक्षा नीति' का अध्ययन : निशंक

न्यूज़ग्राम डेस्क

पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नई शिक्षा नीति पर लिखी गई पुस्तक 'शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण, नई शिक्षा नीति NEP 2020' की प्रथम प्रति भेंट की है। डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को राष्ट्रपति से शिष्टाचार भेंट की। निशंक के मुताबिक राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पूरे देश में लोकप्रिय हो रही है। उन्होंने बताया कि झारखंड के राज्यपाल रहते हुए उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अध्ययन किया है। इस अवसर पर राष्ट्रपति के साथ विकास पर भी हिमालय के जनजातीय क्षेत्र विशेषकर सीमावर्ती अंचलों के समग्र विकास पर भी विस्तृत चर्चा हुई। डॉ निशंक ने राष्ट्रपति को बताया कि नई शिक्षा नीति विश्व के सबसे बड़े नवाचार युक्त परामर्श का परिणाम है, जिसमें ढाई लाख पंचायतों समेत शिक्षा जगत से जुड़े सभी हित धारकों के सुझाव लिए गए। डॉ निशंक ने बताया कि शिक्षा नीति के निर्माण में मानवीय मूल्यों और परंपरागत भारतीय ज्ञान पर विशेष ध्यान दिया गया।

राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता प्रकट की कि स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविन्द जैसे महापुरुषों के दर्शन को शिक्षा नीति में समाहित किया गया है। ज्ञातव्य है राष्ट्रपति महर्षि अरविन्द के विद्यालय में एक शिक्षिका के रूप में कार्य कर चुकी हैं। उन्होंने शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन हेतु भरसक प्रयास पर बल दिया। राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता प्रकट की कि डॉ निशंक हिमालय के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।

डॉ निशंक ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई न्यू इंडिया की आधारशिला है जो बदलते समाज और गतिशील दुनिया की चुनौतियों को अवसरों में बदल सके और विश्वगुरु भारत का निर्माण कर सकेंगे।

उन्होंने आगे बताया किप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और उनकी प्रेरणा से सबसे बड़े विमर्श के पश्चात ऐतिहासिक एवम परिवर्तन कारी शिक्षा नीति -2020 का निर्माण हुआ जो सभी भारत वासियों की अपेक्षा पर खरी उतरती है।


राष्ट्रीय शिक्षा नीति 130 करोड़ से अधिक लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। यह उन मूल्यों, क्षमताओं और व्यवहार को विकसित करने के बारे में है जो एक स्थिर समाज बनाने के लिए शांति, न्याय और समावेशिता के गुण पैदा करते हैं।

नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति सभी के कल्याण के लिए एक विश्व समुदाय को एकजुट करने, प्रेरित करने और सबका समग्र विकास सुनिश्चित लिए प्रतिबद्ध है। डॉ निशंक ने कहा कि विभिन्न विषयों पर राष्ट्रपति का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। इस अवसर पर डॉ निशंक ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू को देवभूमि उत्तराखंड के पावन धाम बद्रीनाथ और केदारनाथ के दर्शन का निमंत्रण भी दिया।

(आईएएनएस/AV)

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