ईडी ने यह जांच वायाकॉम18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (Viacom18 Media Private Limited) द्वारा मुंबई साइबर पुलिस में दर्ज की गई एफआईआर (FIR) के आधार पर शुरू की थी, जिसमें फेयरप्ले और अन्य के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे। फेयरप्ले पर 100 करोड़ रुपए से अधिक के राजस्व नुकसान का आरोप है। बाद में फेयरप्ले और अन्य संबंधित संस्थाओं के खिलाफ अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़ी कई एफआईआर को एक साथ जांच में जोड़ा गया।
जांच में अब तक सामने आया है कि इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) के जरिए कई सौ करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ और फंड्स को ट्रेड-बेस्ड मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए विदेश भेजा गया।
मुख्य आरोपी कृष लक्ष्मीचंद शाह (Krish Laxmichand Shah) ने फेयरप्ले ऑपरेशन के लिए कुराकाओ, दुबई और माल्टा में कई कंपनियां रजिस्टर्ड करवाई थीं, जिनमें प्ले वेंचर्स एन.वी., डच एंटील्स मैनेजमेंट एन.वी. (कुराकाओ), फेयर प्ले स्पोर्ट एलएलसी, फेयरप्ले मैनेजमेंट डीएमसीसी (दुबई) और प्ले वेंचर्स होल्डिंग लिमिटेड (माल्टा) शामिल हैं।
जांच में यह भी सामने आया है कि कृष एल शाह दुबई से अपने सहयोगियों अनिल कुमार डडलानी और अन्य की मदद से फेयरप्ले का संचालन कर रहा था। उसके और उसके परिजनों के नाम पर दुबई में कई संपत्तियां पाई गई हैं।
इससे पहले 12 जून, 27 अगस्त, 27 सितंबर और 25 अक्टूबर 2024 को ईडी ने इस केस में छापेमारी की थी, जिसमें बड़ी मात्रा में संपत्तियां जब्त की गई थीं। ईडी ने इस मामले में 22 नवंबर, 26 दिसंबर 2024 और 15 जनवरी 2025 को भी अटैचमेंट ऑर्डर जारी किए थे।
12 फरवरी 2025 को चिंतन शाह और चिराग शाह को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद ईडी ने 1 अप्रैल को विशेष पीएमएलए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया, जिस पर अदालत ने 25 अप्रैल को संज्ञान लिया।
अब तक इस केस में कुल अटैचमेंट और जब्ती की राशि 651.31 करोड़ रुपए हो चुकी है। ईडी ने बताया कि इस मामले में जांच अभी भी जारी है।
[SS]