गांव निवासी विजय यादव (Vijay Yadav) के नवजात पुत्र के नामकरण (Namkaran) की दावत में सैकड़ों लोग जमा थे। घर के बाहर जोर-शोर से डीजे बज रहा था और लोग नाच-गाना कर रहे थे। इसी दौरान गांव के ही प्रधान अपनी लाइसेंसी डबल बैरल बंदूक लेकर कार्यक्रम में पहुंचे।
रात करीब 11 बजे गांव का ही विकास यादव ने खुशी में हवा में हर्ष फायरिंग (Firing) शुरू कर दी। पहली गोली चलते ही अचानक दूसरी गोली नीचे की ओर निकली और पास में डांस कर रहे 20 वर्षीय अंशु यादव पुत्र चंद्रपाल यादव को सीने में जा लगी। गोली लगते ही अंशु जमीन पर गिर पड़ा और मौके पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई।
गोली की आवाज और खून से लथपथ अंशु को देखते ही डीजे पर नाच रहे लोग चीखते-चिल्लाते इधर-उधर भागने लगे। पूरी दावत में अफरा-तफरी मच गई। महिलाएं और बच्चे रोते-बिलखते घरों की ओर दौड़े। कुछ लोग अंशु को उठाकर नजदीकी अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सूचना मिलते ही थाना कमालगंज प्रभारी राजीव कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे और पूरी स्थिति का जायजा लिया।
एएसपी ने बताया, "नामकरण समारोह में गांव के विकास यादव ने लाइसेंसी बंदूक से हर्ष फायरिंग की। इसमें अंशु यादव को गोली लगी और उसकी मौत हो गई। आरोपी विकास यादव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। उसकी लाइसेंसी बंदूक जब्त कर ली गई है। शव (Dead Body) का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। हत्या का मुकदमा दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।"
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