केंद्रीय जल शक्ति (Jal Shakti) मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने मंगलवार को कहा कि भारत की दुनिया में भूजल संसाधनों पर सबसे ज्यादा निर्भरता है। अब भूजल की पुन:पूर्ति पर काम करना अनिवार्य है और उद्योग से जल संसाधनों के संरक्षण में मदद करने की आवश्यकता है।
'जल प्रबंधन : कुंजी' पर एक संवादात्मक सत्र में उन्होंने कहा, "भारत की दुनिया में भूजल संसाधनों पर सबसे अधिक निर्भरता है, सरकार देश में घटते जल स्तर को फिर से भरने के लिए कदम उठा रही है।" पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) द्वारा यहां आयोजित 'टू सस्टेनेबिलिटी इन इंडिया'।
उन्होंने कहा, "किसी भी देश के आर्थिक विकास में पानी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर हम देश के आर्थिक विकास के ग्राफ की जांच करते हैं, तो यह अपनी ऊर्जा और पानी की खपत के साथ एक समान पैटर्न प्रदर्शित करता है।"
शेखावत ने उद्योग जगत से तीन महत्वपूर्ण कदम उठाने का आह्वान किया। सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, भूजल की पुन:पूर्ति के लिए काम करना, दूसरा, इसे पानी के पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग के लिए जानने की जरूरत है और अंत में, उन्होंने उद्योग को ड्रिप सिंचाई को अपनाकर पानी बचाने के लिए, उद्योग को प्रोत्साहित करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा, "ड्रिप इरिगेशन (Drip Irrigation) से अगर हम 10 फीसदी भी बचा लेते हैं तो हमें अगले 50 साल तक चिंता करने की जरूरत नहीं होगी।"
इससे पहले, मंत्री ने कई निजी कंपनियों, रोटरी क्लबों और कुछ व्यक्तियों को 'प्रशंसा प्रमाणपत्र' से सम्मानित किया। उन्होंने 'भारत में एमएसएमई (MSME) क्षेत्र के लिए व्यवसाय करने में आसानी: कारखाने के स्तर पर ईओडीबी सुधारों का संचालन' पर एक रिपोर्ट भी जारी की।
(आईएएनएस/PS)