जगन्नाथ सरकार (Jagannath Sarkar) ने एसआईआर को कहा कि अगर यह प्रक्रिया ईमानदारी से लागू हुई, तो ममता बनर्जी की चुनावी राजनीति कमजोर पड़ जाएगी।
उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी डर गई हैं। पश्चिम बंगाल में बहुत सारे फर्जी वोटर हैं, जिनमें रोहिंग्या और बांग्लादेशी वोटर शामिल हैं। ममता बनर्जी इन्हीं का इस्तेमाल चुनाव जीतने में करती हैं। उन्हें समझ आ गया है कि यदि एसआईआर ठीक से हुआ तो उनकी हार तय है। इसलिए वह चुनाव आयोग पर दबाव बनाकर सत्ता में बने रहने की साजिश कर रही हैं।"
जगन्नाथ सरकार ने सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को चुनौती देते हुए कहा, "अगर ममता बनर्जी में हिम्मत है, तो मैदान में उतरकर दिखाएं। उनकी पार्टी दिन-ब-दिन छोटी होती जा रही है। पूरा विश्व जानता है कि वह हिंदुओं के खिलाफ हैं और पाकिस्तान-बांग्लादेश का समर्थन करती हैं। वह कुछ भी कर लें, उनकी पार्टी की हार तय है।"
भाजपा सांसद ने आगे कहा, "ममता बनर्जी जिस तरह से काम कर रही हैं, वह कभी कानून को नहीं मानतीं। वह केंद्र की नहीं सुनतीं, वह चुनाव आयोग जो कहता है, उसे नहीं मानतीं। उनके एक एमएलए ने तो बिना किसी सबूत के पश्चिम बंगाल के गवर्नर के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी। ममता बनर्जी की पूरी पार्टी सत्ता में बने रहने के लिए डराने-धमकाने और गलत कामों का इस्तेमाल कर रही है।"
भाजपा सांसद के इस बयान ने राज्य में मतदाता सूची को लेकर पहले से मौजूद बहस को और तेज कर दिया है। फिलहाल, ममता बनर्जी ने इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर बहस और तेज होगी।
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