जानकारी के अनुसार, कड़ाके की ठंड से बचने के लिए कुछ लोग सड़क किनारे अलाव जलाकर आग ताप रहे थे। इसी दौरान एक तेज रफ्तार स्विफ्ट कार अनियंत्रित होकर आई और वहां बैठे लोगों को रौंदती हुई निकल गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कई लोग उछलकर दूर जा गिरे। हादसे (Accidents) के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
डॉक्टरों के मुताबिक, पांच घायलों में से दो की हालत बेहद गंभीर थी। प्राथमिक उपचार के बाद सभी को मुरैना जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां से गंभीर घायलों को ग्वालियर रेफर किया गया। इलाज के दौरान दो लोगों ने दम तोड़ दिया।
इस हादसे को लेकर आरोप है कि कार एक स्थानीय भाजपा नेता चला रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हादसे के तुरंत बाद उन्होंने कार सवार भाजपा नेता को मौके पर ही पकड़ लिया था और पुलिस के हवाले कर दिया था। हालांकि, ग्रामीणों का आरोप है कि राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने आरोपी (Accused) को छोड़ दिया। इसी बात को लेकर लोगों में भारी नाराजगी फैल गई।
आरोपी के खिलाफ कार्रवाई न होने से गुस्साए ग्रामीणों और घायलों के परिजनों ने पोरसा थाने का घेराव कर धरना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आरोपी भाजपा नेता के खिलाफ सख्त धाराओं में मामला दर्ज किया जाए और उसे तुरंत गिरफ्तार (Arrest) किया जाए। साथ ही पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
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