Agneepath Scheme के खिलाफ Bharat Bandh का अधिकांश भारतीयों ने किया विरोध
Agneepath Scheme के खिलाफ Bharat Bandh का अधिकांश भारतीयों ने किया विरोध IANS
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Agneepath Scheme के खिलाफ Bharat Bandh का अधिकांश भारतीयों ने किया विरोध

न्यूज़ग्राम डेस्क

नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा घोषित अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के खिलाफ देश में लगातार विरोध हो रहा है। कुछ समूहों द्वारा सोमवार को भारत बंद के आह्वान से देश के कई राज्यों में रेल और सड़क यातायात दोनों बाधित हो गए। देश भर में विभिन्न क्षेत्रों में सैकड़ों ट्रेनें रद्द होने के कारण यात्री कई रेलवे स्टेशनों पर फंसे रहे। भारत बंद (Bharat Bandh) के आह्वान के कारण राष्ट्रीय राजधानी सहित कई शहरों में ट्रैफिक जाम के अराजक दृश्य देखे गए।

Agneepath Scheme का विरोध जारी है, ऐसे में भाजपा सरकार और विपक्षी राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में लगे हुए हैं। विपक्ष भाजपा सरकार पर नौकरी की पेशकश कर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगा रहा है। बदले में भाजपा विपक्ष पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने और योजना के खिलाफ युवाओं को गुमराह करने का आरोप लगा रही है।

सीवोटर-इंडिया ट्रैकर ने Agneepath Scheme की घोषणा के बाद से सामने आ रही घटनाओं के बारे में लोगों के विचार जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वे किया।

सर्वे के दौरान, 57 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि विपक्षी राजनीतिक दल इस मुद्दे से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं और वे इस योजना के खिलाफ युवाओं को भड़का रहे हैं। वहीं, सर्वे के दौरान इंटरव्यू लेने वालों में 43 फीसदी का इस मुद्दे पर अलग नजरिया था।

जाहिर है, सर्वे के दौरान, इस मुद्दे पर ध्रुवीकृत राय एनडीए के बहुमत और विपक्षी समर्थकों के विचारों में फर्क नजर आया। सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, एनडीए के 73 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि विपक्षी राजनीतिक दल युवाओं को योजना के विरोध में उकसा रहे हैं, 55 प्रतिशत विपक्षी समर्थक इस भावना से सहमत नहीं थे।

सर्वे के आंकड़ों ने इस मुद्दे पर विभिन्न सामाजिक समूहों की राय में अंतर को उजागर किया। सर्वे के दौरान, उच्च जाति के हिंदुओं के 76 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के 62 प्रतिशत और अनुसूचित जातियों के एक बड़े अनुपात- 55 प्रतिशत ने कहा कि विपक्षी राजनीतिक दल युवाओं को चार साल की नौकरी योजना के खिलाफ भड़का रहे हैं। वहीं, 66 फीसदी सिख, 66 फीसदी मुस्लिम और 60 फीसदी अनुसूचित जनजाति के उत्तरदाताओं ने विपक्षी राजनीतिक दलों को इस तरह के आरोपों से नकार दिया।

सर्वे में आगे पता चला कि अधिकांश भारतीय Agneepath Scheme के खिलाफ प्रदर्शनकारियों द्वारा दिए गए भारत बंद के आह्वान का विरोध कर रहे हैं। सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, जहां 53 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे इस तरह के आह्वान का समर्थन नहीं करते, वहीं 47 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने भारत बंद के आह्वान का समर्थन किया।

इस मुद्दे पर भी एनडीए और विपक्षी मतदाताओं के बीच राजनीतिक ध्रुवीकरण स्पष्ट था। एनडीए के 64 प्रतिशत मतदाताओं ने भारत बंद के आह्वान का विरोध किया, जबकि 55 प्रतिशत विपक्षी समर्थकों ने इस तरह के आह्वान के पक्ष में बात की।

इस मुद्दे पर भी विभिन्न सामाजिक समूहों की राय में अंतर स्पष्ट था। सर्वे के दौरान, जबकि 64 प्रतिशत यूसीएच उत्तरदाताओं और 57 प्रतिशत ओबीसी उत्तरदाताओं ने भारत बंद का विरोध किया, अधिकांश सिखों - 63 प्रतिशत, एसटी - 73 प्रतिशत, मुस्लिम - 53 प्रतिशत और अनुसूचित जाति के 53 प्रतिशत उत्तरदाताओं हड़ताल के आह्वान का समर्थन किया।
(आईएएनएस/PS)

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