New Update:-1 अक्टूबर से देश भर में बर्थ सर्टिफिकेट सिंगल डॉक्यूमेंट बनने वाला है [Pixabay] 
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सिर्फ एक सर्टिफिकेट और आपका जीवन भर का टेंशन खत्म, क्या आपने बनवाया यह सर्टिफिकेट

सरकार के द्वारा लाए इस नियम ने एक बहुत बड़ा परिवर्तन किया है, केंद्र सरकार ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 2023 में संशोधित किया, यानी अब जन्म प्रमाण आधार कार्ड की तरह ही जरूरी दस्तावेज बन जाएगा।

Sarita Prasad

New Update:- एक बहुत बड़ी अपडेट सुनने में आ रही है। 1 अक्टूबर से देश भर में बर्थ सर्टिफिकेट सिंगल डॉक्यूमेंट बनने वाला है और यदि आपके पास यह सिंगल डॉक्यूमेंट उपलब्ध होगा तो आपको कभी भी इसके अलावा किसी और डॉक्यूमेंट या सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब जैसा आप सब जानते होंगे कि अब तक आधार कार्ड सिंगल डॉक्यूमेंट के रूप में इस्तेमाल होता रहा है पर अब आधार कार्ड बनवाने के लिए भी बर्थ सर्टिफिकेट की जरूरत होगी। सरकार के द्वारा लाए इस नियम ने एक बहुत बड़ा परिवर्तन किया है, केंद्र सरकार ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 2023 में संशोधित किया, यानी अब जन्म प्रमाण आधार कार्ड की तरह ही जरूरी दस्तावेज बन जाएगा। पहले जन्म सर्टिफिकेट को काफी नकारा गया है लेकिन अब इसकी वैल्यू अचानक से इतनी ज्यादा बढ़ गई कि इसके अलावा आपको किसी दूसरे डॉक्यूमेंट की जरूरत ही नहीं पढ़ने वाली।

अब जन्म प्रमाण आधार कार्ड की तरह ही जरूरी दस्तावेज बन जाएगा।[Pixabay]

कैसे कर सकतें है अप्लाई

बच्चों के जन्म के 21 दिन के अंदर बर्थ सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करना होता है लेकिन अगर किसी भी वजह से पेरेंट्स उसे टाइम रजिस्ट्रेशन नहीं करते हैं तो बाद में वह डिले रजिस्ट्रेशन प्रोविजन पंजीकरण अधिनियम की धारा 13 के तहत रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं लेकिन एक किस दिन के बाद और 30 दिनों के भीतर अप्लाई करने पर दो रुपए लेट फाइन देना होगा। यदि आवेदक जन्म प्रमाण पत्र के लिए जन्म के 30 दिनों के बाद लेकिन जन्म के 1 साल के भीतर आवेदन करता है तो उन्हें संबंधित अधिकारी से हलफनामे के साथ लिखित अनुमति और ₹5 जुर्माना भरना होगा। इसके साथ ही अगर कोई आवेदक जन्म प्रमाण पत्र बनने के 1 साल के भीतर आवेदन देने में विफल रहता है तो उन्हें वेरिफिकेशन के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज मजिस्ट्रेट के पास जमा करने होंगे और ₹10 लेट फाइन भी भरना होगा। 

राज्य शहर के आधार पर आप जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं [Pixabay]

क्या राज्य और शहर के लिए आवेदन अलग है

राज्य शहर के आधार पर आप जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं जैन प्रमाण पत्र बनवाने के लिए हर राज्य की अलग भीम और अपनी वेबसाइट है जहां इस सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई किया जा सकता है। हालांकि सभी के नियम लगभग समान है। संबंधित अधिकारियों को स्टेट म्युनिसिपल काउंसिल के साथ को ऑर्डिनेट करने की जरूरत होते हैं। शहरी क्षेत्र में स्वास्थ्य अधिकारियों नगर स्वास्थ्य अधिकारियों या सम्मकतक्षक अधिकारियों को जन्म रजिस्ट्रेशन के रूप में नियुक्त किया जाता है। रेफरल अस्पताल जिला अस्पताल या अन्य सरकारी अस्पतालों के प्रभारी या संरक्षण चिकित्सा अधिकारी को जन्म रजिस्टर के रूप में नियुक्त किया जाएगा। देश के 16 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार ग्राम सेवक पंचायत कर्मी सचिव ग्राम विकास अधिकारी को नियुक्त करती है जो जन्म रजिस्ट्रार के रूप में काम करते हैं। और उनके द्वारा ही यह बर्थ सर्टिफिकेट का काम पूर्ण होगा। 

बर्थ सर्टिफिकेट बच्चों की पहचान का पहला दस्तावेज होता है। इसके बनते ही बच्चों के जन्म का रिकॉर्ड सरकारी विभाग में दर्ज हो जाता है। [Pixabay]

बर्थ सर्टिफिकेट का महत्त्व

बर्थ सर्टिफिकेट बच्चों की पहचान का पहला दस्तावेज होता है। इसके बनते ही बच्चों के जन्म का रिकॉर्ड सरकारी विभाग में दर्ज हो जाता है। इसे व्यक्ति की पहचान और आयु प्रमाण पत्र के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इस नेशनल पॉपुलेशन रजिस्ट्रार में पंजीकरण के लिए जरूरी है। जन्म प्रमाण पत्र राज्य सरकार की तरफ से बच्चों के जन्म का मान्यता प्रदान साक्ष होता है इससे सरकार को जन्म मृत्यु और जनसंख्या दर की गणना और नागरिकों स्वास्थ्य स्थिति के मूल्यांकन में मदद मिलती है। साथी आम जन से जुड़ी कोई पॉलिसी एक नोटिफिकेशन के जरिए उनके तक पहुंचाई जा सकती हैं। 

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