एनआईए प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि बिहार के पटना से आरोपी कमलकांत वर्मा उर्फ अंकल जी की गिरफ्तारी, आरसी-01/2025/एनआईए/पीटीए मामले में 11वीं गिरफ्तारी है।
एनआईए (NIA) की जांच में पता चला है कि कमलकांत हरियाणा और अन्य स्थानों के विभिन्न गन हाउसों से अवैध रूप से गोला-बारूद खरीदने वाले गिरोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था। इस गोला-बारूद की तस्करी उत्तर प्रदेश में की जाती थी और फिर इसे बिहार और देश के अन्य हिस्सों में पहुंचाया जाता था।
कमलकांत की गिरफ्तारी एनआईए द्वारा उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा के 23 स्थानों पर की गई तलाशी के कुछ दिनों बाद हुई है, जिसके परिणामस्वरूप चार अन्य आरोपियों रवि रंजन, शशि प्रकाश, विजय कालरा और कुश कालरा को गिरफ्तार किया गया था। 4 दिसंबर को की गई तलाशी में भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी जब्त किए गए थे।
यह ताजा गिरफ्तारी (Arrest) इस मामले में एनआईए की चल रही जांच और उत्तर भारत में अवैध हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी से जुड़ी आपूर्ति श्रृंखला को खत्म करने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वहीं, एनआईए ने पहलगाम हमले के मामले में 1,597 पन्नों की एक विस्तृत चार्जशीट दायर की है। यह चार्जशीट हमले के आठ महीने बाद दायर की गई। एनआईए अधिकारियों का कहना है कि चार्जशीट में ऐसे अहम सबूत हैं जो पाकिस्तान के शामिल होने की बात कह रहे हैं।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकवादियों, हैंडलर्स और मास्टरमाइंड्स के नाम बताने के अलावा सभी ऑपरेशनल डिटेल्स भी लिस्ट किए हैं, लेकिन इस दस्तावेज का सबसे अहम पहलू पाकिस्तान से सीधा लिंक है, जिसे एजेंसी ने लिस्ट किया है। यह चार्जशीट भारत के लिए इंटरनेशनल कम्युनिटी में पाकिस्तान को फिर से बेनकाब करने के लिए एक अहम दस्तावेज का काम करेगी।
[AK]