LokSena Hind - "आप" के केजरीवाल का धूर्त-भ्रष्टाचारयुक्त दोहरा चरित्र आज जनता के समक्ष पूर्णतः उजागर हो चुका है। जो केजरीवाल भ्रष्टाचार के उन्मूलन व जनलोकपाल बिल पास करवाने की आड़ में सत्ता पर काबिज हुए। जो केजरीवाल कभी दिल्ली के रामलीला मैदान में धरना-प्रदर्शन कर कांग्रेस पार्टी और सोनिया गाँधी के भ्रष्टचार की जाँच करवाकर जेल भेजने की बात करते नहीं थकते थे। जो केजरीवाल भ्रष्टचार में आरोपी गाँधी परिवार को पानी पी-पी कर कोसते थे। जो केजरीवाल गांधी परिवार के भ्रष्टाचार के खिलाफ दस्तावेजी प्रमाण होने की बात करते थे। जो केजरीवाल वीवीआईपी सुविधाएं न लेने की बात करते थे।
आज वही आम आदमी का लबादा पहने बहरूपिया केजरीवाल खास आदमी की भोग-विलासितापूर्ण जीवनशैली अपनाकर 45 करोड़ के सर्वसुविधा सम्पन्न सरकारी शीशमहल में रह रहा है। जिस कांग्रेस सरकार में अन्ना आंदोलन के राष्ट्रवादी विचारों को सशरीर रामलीला मैदान में धरना स्थल के टैंटों में ही आग लगाकर जलाकर मारने की कोशिश की गई। आज वही केजरीवाल दिल्ली की केन्द्रीय सत्ता में हिस्सेदारी की खातिर आखिर, क्यों उसी भ्रष्टाचारी कांग्रेस व तथाकथित गांधी परिवार से सीटों के बंटवारों के लिए भ्रष्टाचार की गलियों में गलबहियां करते फिर रहे हैं? देश-दिल्ली की जनता को भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी केजरीवाल की "आप" पार्टी का चुनावी बहिष्कार कर उसके इस झूठे व दोहरे चरित्र से सावधान रहना चाहिए। आज केजरीवाल की तथाकथित "आम आदमी पार्टी" के मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, सत्येंद्रजैन जैसे मुख्य नेता भ्रष्टाचार के आरोप में महिनों से जेल में बंद है।
केजरीवाल भी भ्रष्टाचार के आरोप में कभी भी सलाखों के पीछे जा सकता है। इसके बावजूद, केजरीवाल द्वारा भ्रष्टाचार के संगीन आरोप में पहले से जेल में बंद भ्रष्टाचार के आरोपी संजय सिंह को फिर से राज्यसभा के लिए नामित करना जनभावनाओं तथा उसके विश्वास का निरादर व कत्ल करना है। क्या केजरीवाल को संजय सिंह जैसे भ्रष्टाचार के आरोपी को राजयसभा का सदस्य बनाना चाहिए था कि नहीं बनाना चाहिए था? क्या केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को सड़क किनारे रहने वाले किसी वास्तविक आम आदमी को अपनी पार्टी से राज्यसभा के लिए नामित किया जाना चाहिए था कि नहीं किया जाना चहिए था ? जब केजरीवाल इतना ही ईमानदार है तो उसे आम जनता को अपने शीशमहल के दर्शन करने देने चाहिए कि नहीं करने देना चाहिए।
बकलोल-बकौल केजरीवाल को क्या अब नैतिकता के आधार पर खुद पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप होने के कारण मुख्यमंत्री पद से तुरंत इस्तिफा नहीं दे देना चाहिए? दिल्ली के लोगों को मुफ्त का झुनझुना थमाकर देशभर में अपनी मिथ्या ईमानदारी का ढोल पीटने वाले तथाकथित ईमानदार केजरीवाल की विचारधारा आज आखिर देश के लुटेरों के "इंडिया" ठगबंधन के घटकदलों चारा घोटाला, टोंटी चोर व नेशनल हेराल्ड जैसे कथित भ्रष्टाचारियों की छतरी के नीचे कैसे समायोजित हो गई?
काबिलेगौर है कि आम आदमी पार्टी के प्रसवकालीन पीड़ा से उसके जन्म लेने तक में उसके हर पल साथ व अग्रणी रहे आम आदमी पार्टी के विदेशी प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ. मुनीष रायजादा व कुमार विश्वास जैसे नेता आज आखिर उसके साथ क्यों नहीं है? क्यों केजरीवाल को उसके पुराने साथी छोड़कर जा चुके हैं? आम आदमी पार्टी की मूल, राष्ट्रवाद व ईमानदार विचारधारा की उसी अखंड ज्योति को दे दीप्यमान कर दिल्ली की आम जनता को इंसाफ और उनका हक दिलाने तथा केजरीवाल जैसे भांड, झूठे व उसके भ्रष्टाचार के ढोल की पोल खोलने तथा उसके चेहरे पर से तथाकथित ईमानदारी का मुखौटा हटाने की खातिर ही डॉ. मुनिष रायजादा द्वारा "लोकसेना हिन्द" पार्टी का गठन किया गया है।
जो कि अन्ना आंदोलन की विचारधारा की वास्तिवक वसीयत है। जिसे केजरीवाल जैसे बहरूपिये द्वारा हाईजैक कर लिया गया था। दिल्ली की आम-ओ-खास जनता से दिल्ली के विकास के लिए भ्रष्टाचार के आरोपी केजरीवाल की तथाकथित आम आदमी पार्टी का पूर्ण बहिष्कार कर उसकी असल उत्तराधिकारी " लोकसेना हिन्द" पार्टी को तन-मन-धन से सहयोग करने की आवश्यकता है।