Purandeswari devi: डी. पुरंदेश्वरी का पूरा नाम दुग्गुबाती पुरंदेश्वरी है।(Wikimedia Commons) 
राजनीति

कौन हैं पुरंदेश्वरी देवी? क्यों लोकसभा स्पीकर के लिए हो रही है इनकी चर्चा?

न्यूज़ग्राम डेस्क

Purandeswari devi : नरेंद्र मोदी के शपथ लेने के बाद अब सबको इस बात का इंतजार है कि लोकसभा स्पीकर की कुर्सी किसके नाम होगी? आपको बता दें 18 जून से संसद का ग्रीष्मकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है। इसी सत्र में नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव भी होना है। एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी खुद अपना स्पीकर बनाना चाहती है, तो दूसरी तरफ़ गठबंधन की सहयोगी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी और नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू भी स्पीकर की कुर्सी पर निशाना साधे हुए बैठे हैं। ऐसे में लोकसभा स्पीकर को लेकर कई प्रकार की बातें हो रही हैं। इसमें बीजेपी नेता डी. पुरंदेश्वरी का नाम सबसे आगे है। बताया जा रहा है कि बीजेपी, राजमुंदरी से जीतकर आईं पुरंदेश्वरी को स्पीकर बनाकर एक तीर से दो निशाना साधने की तैयारी में है।

कौन हैं पुरंदेश्वरी देवी?

डी. पुरंदेश्वरी का पूरा नाम दुग्गुबाती पुरंदेश्वरी है। इनका जन्म 22 जनवरी 1959 को हुआ था। वह आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और दक्षिण के कद्दावर नेता रहे एनटी रामाराव की दूसरी बेटी हैं। शुरुआती पढ़ाई-लिखाई सेक्रेट हार्ट मैट्रिकुलेशन हायर सेकेंडरी स्कूल चेन्नई से की। इसके बाद चेन्नई के साउथ इंडियन एजुकेशनल ट्रस्ट एंड वूमेन कॉलेज में दाखिला ले लिया। यहां बीए लिटरेचर की पढ़ाई की और फिर जेमोलॉजी में डिप्लोमा भी हासिल किया। साल 1997 में हैदराबाद इंस्टीट्यूट ऑफ जेम्स एंड ज्वेलरी की नींव रखी।

साल 2024 के लोकसभा चुनाव के आने से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गईं। (Wikimedia Commons)

पांच भाषाओं का है ज्ञान

पुरंदेश्वरी की खास बात यह है कि वह पांच भाषाएं लिख, पढ़ और बोल लेती हैं। हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगू और फ्रेंच की जानकारी है। वह कुचिपुड़ी में भी दक्ष हैं। पुरंदेश्वरी देवी की साल 1979 में दग्गुबाती वेंकटेश्वर राव से शादी हुई। उनकी दो बच्चे हैं, एक बेटा हितेश और बेटी निवेदिता।

कांग्रेस छोड़ कर आई बीजेपी में

पुरंदेश्वरी देवी पहले कांग्रेस में हुआ करती थीं। यूपीए सरकार में मानव संसाधन एवं विकास राज्य मंत्री हुआ करती थीं। साल 2012 में मनमोहन सिंह सरकार ने उन्हें वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री का पद सौंपा। जब कांग्रेस सरकार ने आंध्र प्रदेश के दो टुकड़े कर दो राज्य बनाने का फैसला लिया तो पुरंदेश्वरी नाराज हो गईं। इसके बाद साल 2024 के लोकसभा चुनाव के आने से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गईं।

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