झारखंड के रामगढ़ जिले में एक युवक ने अपनी प्रेमिका को चार दिनों तक  बंधक बनाए रखा। इसकी जानकारी होने पर ग्रामीणों ने लड़की को मुक्त कराया।  आखिरकार युवक और युवती के परिवार के बीच समझौता हुआ और दोनों की शादी(Marriage) करा दी गई।(संकेतिक चित्र,Wikimedia Commons)
झारखंड के रामगढ़ जिले में एक युवक ने अपनी प्रेमिका को चार दिनों तक बंधक बनाए रखा। इसकी जानकारी होने पर ग्रामीणों ने लड़की को मुक्त कराया। आखिरकार युवक और युवती के परिवार के बीच समझौता हुआ और दोनों की शादी(Marriage) करा दी गई।(संकेतिक चित्र,Wikimedia Commons) 
राष्ट्रीय

प्रेमिका को चार दिनों तक जंगल में बंधक बनाए रखा, ग्रामीणों ने मुक्त कराया, अब दोनों की रजामंदी से शादी

न्यूज़ग्राम डेस्क

 झारखंड(Jharkhand) के रामगढ़ जिले में एक युवक ने अपनी प्रेमिका को चार दिनों तक घने जंगल में पेड़ से बांधकर बंधक बनाए रखा। इसकी जानकारी होने पर ग्रामीणों ने लड़की को मुक्त कराया। इस घटना को लेकर गांव में दो पक्षों के बीच तनाव पैदा हो गया। आखिरकार युवक और युवती के परिवार के बीच समझौता हुआ और दोनों की शादी(Marriage) करा दी गई।

युवक सरहुल मुंडा(Sarhul Munda) और युवती रोनी मुंडा(Ronnie Munda) दोनों बरकाकाना ओपी क्षेत्र की सांकी पंचायत के जुमरा गांव के रहने वाले हैं। दोनों के बीच लगभग दो वर्षों से प्रेम प्रसंग चल रहा था। कुछ दिन पहले सरहुल किसी बात पर प्रेमिका रोनी से नाराज हो गया। वह अपनी प्रेमिका को घुमाने के नाम पर जंगल की ओर ले गया और वहां बंधक बनाए रखा।

हालांकि, इस दौरान वह भोजन-पानी का इंतजाम करता रहा। इस बीच बुधवार को गांव की एक युवती जंगल में मवेशी चराने गई तो उसने रोनी मुंडा को पेड़ से बंधा देखा। उसने गांव आकर ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी, तब उसे मुक्त कराया गया। पुलिस को भी सूचना दी गई।

इस बीच ग्रामीणों की पंचायत बैठी। मुखिया और ग्रामीणों की उपस्थिति में दोनों परिवारों के बीच समझौता कराया गया। इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में प्रेमी-प्रेमिका की शादी रचा दी गई।(IANS/AK)

कब है कालाष्टमी? तंत्र विद्या सीखने वाले साधकों के लिए यह दिन है बेहद खास

दुनिया का सबसे बड़ा निजी निवास स्थान, गुजरात के बड़ौदा में है स्थित

इस म्यूजियम में है शाहजहां के हस्ताक्षर, मुगल म्यूजियम से बदल कर रखा गया नया नाम

छोटे से गांव से लेकर कान्स फिल्म फेस्टिवल तक का सफर, नैंसी त्यागी ने रच दिया इतिहास

घर से न निकलने की दी गई हिदायत, गर्मी के कहर से बचाने के लिए यहां लगा दी जाती है इमरजेंसी