आखिर क्यों हो रहा है Agnipath Recruitment Scheme का इतना विरोध: व्याख्या
आखिर क्यों हो रहा है Agnipath Recruitment Scheme का इतना विरोध: व्याख्या  IANS
राष्ट्रीय

आखिर क्यों हो रहा है Agnipath Recruitment Scheme का इतना विरोध: व्याख्या

न्यूज़ग्राम डेस्क

सशस्त्र बलों (Armed Forces) में भारतीय युवाओं के लिए केंद्र की अग्निपथ भर्ती योजना (Agnipath Recruitment Scheme), जिसे एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी उपाय कहा जाता है, को कई राज्यों में अभूतपूर्व आंदोलन और विरोध का सामना करना पड़ रहा है। नौकरी की सुरक्षा और अन्य मुद्दों पर भर्ती योजना के खिलाफ बिहार, राजस्थान और कुछ अन्य राज्यों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। हालांकि, कई राज्यों ने ऐसी योजनाओं की भी घोषणा की है, जहां ऐसे 'अग्निवीर' (Agniveer), जिन्हें इस कदम के लाभार्थियों के रूप में जाना जाता है, को लाभ मिल सकता है।

कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने मंगलवार को Agnipath Recruitment Scheme को हरी झंडी दे दी। योजना के तहत साढ़े 17 से 23 वर्ष की आयु के लगभग 46,000 युवाओं को चार साल के अनुबंध के तहत तीनों सेवाओं में भर्ती किया जाएगा।

हालांकि, दो दिनों के बाद बिहार के कई हिस्सों में रक्षा सेवा के उम्मीदवारों ने सीमित अवधि के रोजगार के लिए भर्ती योजना के विरोध में रेल और सड़क यातायात को बाधित कर दिया, जिसके बाद अधिकांश के लिए ग्रेच्युटी और पेंशन लाभ के बिना अनिवार्य सेवानिवृत्ति हो गई। राज्य के मुंगेर और जहानाबाद में आंदोलन हिंसक हो गया, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने योजना के खिलाफ नारे लगाते हुए टायर जलाए, बसों में तोड़फोड़ की और ट्रेनों में आग लगा दी।

आईएएनएस से बात करते हुए जहानाबाद के विधायक कुमार कृष्णमोहन उर्फ सुदय यादव ने इस योजना को रक्षा सेवाओं में शामिल होने की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए आत्मघाती करार दिया और कहा कि सरकार ने मानदंडों को बदलकर छात्रों को धोखा दिया है।

उन्होंने कहा, "बिहार, युवाओं का राज्य है और इस फैसले के बाद सभी बेरोजगारी की भावना का सामना कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि बिहार ने हमेशा कई आंदोलनों के माध्यम से राष्ट्र को रास्ता दिखाया है और यह विरोध भी आगे का रास्ता दिखाएगा। आंदोलन के हिंसक होने पर उन्होंने कहा कि किसी भी विरोध में आंशिक क्षति किसी भी रूप में होती है।

बिहार में शुरू हुआ विरोध अब उत्तर प्रदेश और हरियाणा और अन्य राज्यों में फैल गया है। उम्मीदवारों ने कहा कि वे नई भर्ती योजना के तहत शुरू किए गए परिवर्तनों से नाखुश हैं। कई अन्य मांगों के अलावा, छात्र अवधि के लिए अपनी चिंताएं प्रकट कर रहे हैं। चार साल में रिटायर होने वालों के लिए कोई पेंशन प्रावधान नहीं है और आयु प्रतिबंध उनमें से कई को अपात्र बनाता है।

एक आंदोलनकारी छात्र ने आईएएनएस से कहा, "हम मांग करते हैं कि परीक्षा पहले की तरह हो। कोई भी केवल चार साल के लिए सशस्त्र बलों (Armed Forces) में शामिल नहीं होना चाहेगा।"

एक अन्य उम्मीदवार ने कहा, "हम सेना में चयनित होने के लिए वर्षो से अभ्यास कर रहे हैं। अब हमें पता चला है कि यह केवल चार साल के लिए अनुबंध की अवधि पर होगा जो हमारे जैसे छात्रों के लिए उचित नहीं है।"

गयाघाट से राष्ट्रीय जनता दल के विधायक निरंजन राय ने आईएएनएस को बताया कि चार साल तक सेवा में शामिल होने की योजना का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि लोग देश की सेवा के लिए सेना में शामिल होते हैं, लेकिन चार साल बाद दूसरी नौकरी खोजनी पड़ेगी। इस विरोध होना चाहिए, मगर शांतिपूर्ण ढंग से।
(आईएएनएस/PS)

बहरामपुर सीट के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट ने इलेक्शन कमीशन से किया चुनाव स्थगित करने की अपील

गर्मी में घूमने के लिए शिलांग है एक अच्छा विकल्प, इस समय यहां रहता है शानदार मौसम

किस आधार पर नामांकन पत्र को किया जाता है रद्द ? जानिए क्या है प्रस्तावक की भूमिका

क्या आप जानते हैं धरती पर कहां से आया सोना? इतिहास के जरिए जानें इसकी दिलचस्प कहानी

नौतपा के 9 दिनों में सूर्य के प्रचण्ड ताप से होगा सबका हाल बेहाल