शशि थरूर:- इंडिया और हिंदू दोनों एक ही शब्द है[Wikimedia Commons] 
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क्या इंडिया और हिंदू एक ही शब्द है? जानिए शशि थरूर की भाषा में

इंडिया बनाम भारत बहस के बीच थरूर ने कहा यह बहुत विडंबना पूर्ण है जब मैं सुनता हूं कि सट्टा रूट दल के कुछ लोग इंडिया शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताते हुए कहते हैं कि यह प्रामाणिक नहीं है

न्यूज़ग्राम डेस्क, Sarita Prasad

एक जाने माने दिग्गज और कांग्रेस सांसद के एक नेता है। उन्होंने शुक्रवार को उन लोगों को घेरे में लिया जिन्हें इंडिया शब्द से दिक्कत है लेकिन वह खुद को हिंदू कहते हैं। शशि थारू ने कहा कि इंडिया और हिंदू दोनों एक ही शब्द है जो सिंधु नदी है इनका यह बयान कुछ लोगों ने पसंद किया तो कुछ लोगों ने इस पर सवाल भी खड़े किए। तो चलिए अच्छी तरह से जानते हैं कि शशि थरूर ने आखिर क्या बयान दिया।

शशि थरूर की थ्योरी

कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने अपनी पुस्तक “वाई आई एम ए हिंदू” के कन्नड़ संस्करण ‘नानू या के हिंदू’ के विमोचन के दौरान हिंदू शब्द की उत्पत्ति पर चर्चा करते हुए तिरुवंतपुरम के सांसद ने कहा कि दोनों शब्द सिंधु या सिंधु नदी के पार के लोगों का वर्णन करने के लिए विदेशों द्वारा किए गए थे। थरूर की किताब का अंग्रेजी से कन्नड़ में अनुवाद कांग्रेस नेता प्रोफेसर के राधा कृष्ण ने किया है। इंडिया बनाम भारत बहस के बीच थरूर ने कहा यह बहुत विडंबना पूर्ण है जब मैं सुनता हूं कि सट्टा रूट दल के कुछ लोग इंडिया शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताते हुए कहते हैं कि यह प्रामाणिक नहीं है और वही लोग गर्व से कहते हैं कि हम हिंदू हैं और इतना कहकर नारे लगाते हैं।

यदि आप इंडिया का प्रयोग नहीं करना चाहते तो आप हिंदू का भी प्रयोग नहीं कर सकते[Wikimedia Commons]

इंडिया और हिंदू एक ही हैं

शशि थरूर ने कहा कि हालांकि इंडिया और हिंदू एक ही व्युत्पत्ति से बने हैं। यदि आप इंडिया का प्रयोग नहीं करना चाहते तो आप हिंदू का भी प्रयोग नहीं कर सकते। यह दोनों एक ही स्रोत सिंधु नदी से आते हैं। यह ध्यान में रखते हुए की कुछ हिंदू पूरी तरह से अलग शब्द सनातन धर्म को पसंद करते हैं उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म सिर्फ एक नाम है जिसे विदेशियों ने भारत के स्वदेशी धर्म के रूप में देखा था।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि महान संत सबसे पहले दिव्या ब्रह्म के मूल विचार के साथ आए [Wikimedia Commons]

उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म सिद्धांत और परंपराओं की एक विस्तृत श्रृंखला को अपनाता है जो पुनर्जन्म और जाति व्यवस्था में विश्वास करता है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि महान संत सबसे पहले दिव्या ब्रह्म के मूल विचार के साथ आए जो कि ईश्वर के इस्लामी विचार से काफी मिलता जुलता था या नहीं बिना आकृति वाला बिना रूप वाला ईश्वर। उन्होंने कहा कि हर कोई ईश्वर की कल्पना किसी भी रूप में करने के लिए स्वतंत्र है साथ ही कोई हिंदू पाप नहीं है कोई हिंदू वाटिका नहीं है हिंदू रविवार भी नहीं होता। आप अपने इष्ट देवता की पूजा सप्ताह के अलग-अलग दिनों में कर सकते हैं यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनके लिए कौन से दिन निर्धारित है।

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