लिपिकार: 'ख्याल कभी थमते नहीं...' - रीतु सिंह 
लिपिकार

'ख्याल कभी थमते नहीं...' - रीतु सिंह

लिपिकार (Lipikar) में हम आज पढ़ेंगे उत्तर प्रदेश में जन्मीं रीतु सिंह (Ritu Singh) के बारे में जिनका कहना है कि लेखन अपने विचारों को सुंदरता से व्यक्त करने का एक माध्यम है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

रीतु सिंह

बी.ए. अर्थशास्त्र (ऑनर्स)

आपकी पसंदीदा लेखन शैली क्या है?

काव्य

आपके पसंदीदा लेखक/लेखिका कौन हैं?

सोनाली शर्मा, गोपाल चोपड़ा।

आपकी पसंदीदा पुस्तक कौन सी है?

लियो टॉल्स्टॉय द्वारा 'व्हाट मेन लिव बाय' ('What Men Live By' by Leo Tolstoy)

आपके द्वारा लिखा गया पहला लेख कौन सा है?

"मैं तुम्हें हमेशा अपने पास रोक कर रखना चाहती थी

मगर तुम मेरी नियति नहीं थे,

तुमने चुना था अपने जीवन का संगीत

"आवारा हूँ या गर्दिश में हूँ

आसमान का तारा हूँ"

फ़िर भी मैंने रोका तुम्हें

अपने लेखों में....."

आपको लिखने के लिए क्या प्रेरित करता है?

मुझे बचपन से ही कहानियों-कविताओं ने आकर्षित किया है। बचपन से ही मैं डायरी लिखा करती हूं मगर कुछ 3-4 साल पहले मैंने सोनाली शर्मा की कविताएं पढ़ीं, जिसके बाद मुझे एहसास हुआ कि मैं भी इस तरह लिख सकती हूं।
जैसे सभी लेखक वास्तविक संसार को अपने काल्पनिक संसार में परिवर्तन करते हैं, उसी तरह मैंने भी अपने आस-पास हो रही घटनाओं को शब्दों का स्वरूप दिया।

आपके बारे में ऐसी कौन सी बात है जिसे जानकर लोग आमतौर पर आश्चर्यचकित हो जाते हैं?

कई लोग अक्सर ये नहीं समझ पाते कि मैं इतनी शांत कैसे रहती हूँ? उनका मानना है कि मुझे आस-पास की घटनाएं विचलित नहीं करती या मुझे किसी बात से अंतर नहीं पड़ता और मैं हर परिस्थिति में एक जैसे रह सकती हूं।

आपके जीवन में सबसे अधिक प्रभाव किसने डाला है? कैसे?

जब मैं काफ़ी कम उम्र की थी तब से दूरदर्शन पर रामायण सीरियल देखती आई हूं। उस वक्त रामायण कुछ हद तक ही समझ आती थी मगर एक और प्रोग्राम था 'उपनिषद गंगा' जो दूरदर्शन पर आया करता था जिसे देखना मुझे बहुत अच्छा लगता था। मगर, समझ कुछ भी नहीं आता था, सिवाय इसके कि जो कुछ भी उसमें दिखाया जा रहा है वह अच्छा है। क्या अच्छा है और क्यों, यह उस समय नहीं पता था।
मेरा मानना है कि परिवार के संस्कार और इन धारावाहिकों का असर ही मेरे व्यक्तित्व और लेखन की ओर रुचि का कारण है।

अपना कोई पसंदीदा उद्धरण बताइए।

मैं देख के दुनिया सोचता हूं
क्यों देखता हूं मैं दुनिया को?

आपके द्वारा लिखी गई सबसे अच्छी पंक्ति कौन सी है?

ख्याल कभी थमते नहीं
बातें और बहुत हो सकती थीं
मगर वक्त भी तो कहीं रुकता नहीं...

आपको क्या चीज़ सबसे ज़्यादा प्रोत्साहित करती है?

शुरुआत में मुझे इस बात का डर रहता था कि शायद लोगों को मेरी कविताएं पसंद नहीं आएंगी। लेकिन जब मैंने एक सोशल मीडिया साइट पर अपनी कविताएं लिखना शुरू किया तो कई लोगों ने उसे काफ़ी सराहा। मेरे कविताओं को पढ़ने वाले सभी लोग मेरे प्रोत्साहन का कारण हैं।

आधुनिकता के इस दौर में पुस्तकों का चलन कम हो गया है? यदि  हाँ, तो यह किस हद तक सही है?

आधुनिक दौर में लोगों की व्यस्तता और डिजिटल उपकरणों की उपलब्धता के कारण पुस्तकों का चलन ज़रूर कम हुआ है मगर लोग आज भी साहित्य में रुचि रखते हैं। किताबों के अलावा भी कई सोशल मीडिया माध्यमों पर लोग लेखन का कार्य करते हैं और उन्हें पढ़ने वाले कई लोग आज भी हैं।

क्या आपने अपना कोई लेख प्रकाशित किया है?

Tangled Me
https://notionpress.com/read/tangled-me

लेखन ने आपके जीवन को किस प्रकार नई गति दी?

मेरे लिए लेखन अपने विचारों को सुंदरता से व्यक्त करने का एक माध्यम है। अपनी बातों को ज़ाहिर करना और उसपर लोगों की अच्छी प्रतिक्रियाएं आनंदित करने वाली होती हैं।

लिपिकार/रीतु सिंह/PS

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