इस एक कारण से सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ संत बन गए अमोघ लीला दास (Instagram) 
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इस एक कारण से सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ संत बन गए अमोघ लीला दास

वह एक यूथ काउंसलर, मोटिवेशनल स्पीकर, संत, आध्यात्मिक गुरु और इस्कॉन मंदिर द्वारका (दिल्ली) के उपाध्यक्ष हैं।

न्यूज़ग्राम डेस्क, Poornima Tyagi

न्यूजग्राम हिंदी: अमोघ लीला दास (Amogh Lila Das) इस नाम से तो आप सभी वाकिफ होंगे? जी हां, यह सोशल मीडिया (Social Media) का बहुत ही जाना पहचाना नाम और चेहरा हैं। क्योंकि इनकी भक्ति विडियोज और मोटिवेशनल विडियोज बहुत वायरल होते हैं।

अमोघ लीला दास का असली नाम आशीष अरोड़ा (Ashish Arora) हैं। वह एक यूथ काउंसलर, मोटिवेशनल स्पीकर, संत, आध्यात्मिक गुरु और इस्कॉन मंदिर द्वारका (दिल्ली) के उपाध्यक्ष हैं।

यह बात भी लगभग सभी जानते हैं कि वह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर (Software Engineer) हुआ करते थे और बाद में अपनी नौकरी छोड़कर संत बन गए।

यह प्रश्न सभी के मन में उठता है कि आखिर कोई व्यक्ति इतनी अधिक सैलरी वाली नौकरी छोड़कर संत और ब्रह्मचारी क्यों बना?

आज के इस लेख में हम आपको आपके इसी प्रश्न का उत्तर देंगे।

अमोघ लीला दास द्वारा सुविचार (Instagram)

अमोघ लीला दास ने एक इंटरव्यू में बताया कि वह सन 2000 में ही भक्त बन चुके थे। लेकिन उन्होंने ब्रह्मचार्य को 2010 में अपनाया। उन्होंने यह भी कहा कि पहले वह सोचते थे कि वह काफी पैसा कमा कर गरीबों की सहायता करेंगे।

इसके बाद उन्होंने कहा कि भगवदगीता (Bhagwad Geeta) पढ़ने के बाद उन्हें यह एहसास हुआ कि लोग तन से नहीं बल्कि मन से अधिक कमजोर है। और वह अपना प्लान बदलकर संत बन गए।

उन्होंने स्वयं को भगवान श्री कृष्ण (Shri Krishna) का पोस्टमैन बताते हुए कहा कि उन्हें गर्व है कि वह भगवान श्री कृष्ण की मार्केटिंग करते हैं अर्थात वह गीता की शिक्षा लोगों तक पहुंचाते हैं।

अमोघ शुद्ध शाकाहारी (Pure Vegetarian) हैं और वह लहसुन प्याज का इस्तेमाल तक नहीं करते हैं। कुछ भी खाने से पहले श्री कृष्ण को भोग लगाते हैं और भोजन को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। इसे ही उन्होंने अपनी एनर्जी का राज भी बताया है।

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