विदेशी पर्यटकों (Foreign Tourists) के लिए यह एक अनोखा अनुभव है, जो उन्हें भारतीय संस्कृति और परंपरा को करीब से जानने का मौका दे रहा है। वडोदरा में मंगलवार को आयोजित गरबा में विदेशी पर्यटकों ने गुजराती गानों पर झूमकर उत्सव का आनंद लिया।
वडोदरा में रूस, स्लोवाकिया, साउथ अफ्रीका सहित कई देशों से आए पर्यटकों ने गरबा खेला।
स्लोवाकिया (Slovakia) के पर्यटक ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "भारत की संस्कृति बहुत अच्छी है। मैं पहली बार इस कार्यक्रम में आया हूं। मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। हम लोगों को यहां अच्छा आनंद मिल रहा है।"
साउथ अफ्रीका (South Africa) के मसुदुबेले मामबोलो ने बताया, "ये कार्यक्रम काफी अच्छा है, मैंने आज से पहले कभी गरबा नहीं खेला था। इस तरह का गरबा करना अच्छा लगता है।"
रूस के अस्कर ने कहा कि हमें भारत आकर बहुत अच्छा लग रहा है। हम लोग सही समय पर आए हैं, इसलिए इस कार्यक्रम का आनंद ले पा रहे हैं।
गुजरात के राजकोट में जंक्शन क्षेत्र में न्यू गरबा मंडल की ओर से भी गरबा का आयोजन किया गया। यहां पर पिछले पांच दशकों से अधिक समय से गरबा का आयोजन किया जा रहा है। यहां पर बड़ी संख्या में लोग गरबा में भाग लेने के लिए पहुंच रहे हैं।
गुजरात स्टेट बायोटेक्नोलॉजी मिशन (Gujarat State Biotechnology Mission), गांधीनगर के आयोजक और मिशन निदेशक, आईएएस दिग्विजयसिंह डी जडेजा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "1971 से यहां गरबा उत्सव मनाया जा रहा है। इसमें कुल 71 लड़के और लड़कियां भाग ले रहे हैं। हमारा अथांगा रास, जो रस्सी पर किया जाता है, बहुत मशहूर है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। हर साल हम इस कार्यक्रम में नए रास प्रदर्शन जोड़ते हैं।"
उन्होंने कहा कि यहां का अठगु रास बेहद प्रसिद्ध है। यहां पर विशेष रूप से कृष्ण लीला पर आधारित रास भी खेला जाता है। आयोजकों की तरफ से बेटे-बेटियों से कोई फीस नहीं लेते।
नवरात्रि (Navratri) के दौरान जामनगर में विभिन्न स्थानों पर गरबा कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जामनगर में लड़कियों ने शक्ति स्वरूप रास प्रस्तुत किया। हाथी कॉलोनी एक्सटेंशन, गली-1 में, आशपुरा ग्रुप द्वारा आयोजित गरबा में लड़कियों ने तलवारों के साथ रास प्रस्तुत किया।
दर्शकों ने बताया कि हम लोग यहां पर काफी सालों से प्राचीन गरबा देखने के लिए आते हैं। हमें अच्छा लगता है। यह लड़कियां पिछले महीने से ही तलवार लेकर तैयारी करती हैं। जब यह तलवार रस करते हैं, तो जगदंबा मां के आशीर्वाद से यह गरबा खेलते हैं।
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