उत्तराखंड के मंदिरों में ड्रेस कोड (Wikimedia Commons)

 

महिलाओं और युवतियों के लिए ड्रेस कोड 

धर्म

आप भी जा रहे हैं उत्तराखंड के मंदिर दर्शन करने, तो जान लें वहां का ड्रेस कोड

महंत ने युवतियों और महिलाओं के साथ उनके परिजनों से भी अपील की है कि वे शरीर को कम से कम 80 प्रतिशत तक ढककर ही मंदिरों में आएं।

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूजग्राम हिंदी: देवभूमि उत्तराखंड (Uttarakhand) के तीन बड़े मंदिरों में महिलाओं और युवतियों के लिए ड्रेस कोड (Dress Code) लागू किया गया है। इन तीनों मंदिरों में महिलाएं और युवतियां छोटे कपड़े पहनकर नहीं आ सकती हैं। दरअसल, हरिद्वार के दक्ष (Daksh Temple Haridwar), पौड़ी के नीलकंठ (Neelkanth Pauri) और देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर (Tapkeshwar Mahadev Temple Dehradun) में महिलाओं के छोटे कपड़े पहनकर आने पर प्रतिबंध लगाया गया है। मंदिर प्रबंधन की तरफ से अपील की गई है कि वो मर्यादित ड्रेस कोड में ही मंदिर में आएं।

ये तीनों मंदिर महानिवार्णी अखाड़े के अधीन आते हैं। पहला मंदिर हरिद्वार के कनखल में स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर और दूसरा पौड़ी जिले में स्थित नीलकंठ महादेव का मंदिर है। वहीं तीसरा मंदिर देहरादून में स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर है।

महानिवार्णी अखाड़े की तरफ से महिलाओं और युवतियों के अपील की गई है कि अगर वो मंदिर पूजा पाठ के लिए आ रही हैं, तो भारतीय सभ्यता के अनुसार कपड़े पहन कर आएं। तभी उन्हें मंदिर में प्रवेश मिलेगा। महानिवार्णी अखाड़े के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि अखाड़े की ओर से मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि देवालय एक आत्मरंजन का स्थान है न कि मनोरंजन का।

तुंगनाथ मंदिर (IANS)

महंत ने युवतियों और महिलाओं के साथ उनके परिजनों से भी अपील की है कि वे शरीर को कम से कम 80 प्रतिशत तक ढककर ही मंदिरों में आएं। उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत (South India) और महाराष्ट्र (Maharashtra) के मंदिरों में तो यह व्यवस्था पहले से ही लागू है। अब यह व्यवस्था यहां भी लागू की जा रही है, ताकि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी असहज स्थिति का सामना न करना पड़े। यूपी के भी कई मंदिरों ने इस तरह के नियम लागू किए गए हैं।

--आईएएनएस/PT

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