जगदगुरू रामभद्राचार्य ने बताई हनुमान चालीसा में गलतियां (Wikimedia) 

 

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जगदगुरू रामभद्राचार्य ने बताई हनुमान चालीसा में गलतियां, छिड़ गई बहस

हनुमान जी की भक्ति से हमें काफी कुछ सीखने को मिलता है जब भी हमें कोई डर सताता है तो हम सब हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करते हैं।

न्यूज़ग्राम डेस्क, Poornima Tyagi

न्यूजग्राम हिंदी: पूरी दुनिया हनुमान जी (Hanuman ji) को पूजती हैं विश्व के हर कोने में हनुमान जी के भक्त बसते हैं। लेकिन वही हनुमान जी श्री राम (Shri Ram) के भक्त थे। हनुमान जी की भक्ति से हमें काफी कुछ सीखने को मिलता है जब भी हमें कोई डर सताता है तो हम सब हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करते हैं। लेकिन अगर आपको यह पता चले कि हनुमान चालीसा में बहुत सी गलती हैं तो आपको कैसा लगेगा? हनुमान चालीसा की यह गलतियां जगतगुरु रामभद्राचार्य (Rambhadracharya) द्वारा बताई गई है।

• हनुमान चालीसा में पढ़ी जाने वाली लाइन शंकर सुवन केसरी नंदन गलत हैं क्योंकि हनुमान जी शंकर (Shankar) जी के पुत्र नहीं थे बल्कि शंकर जी ही हनुमान जी ही थे। इसका सही रूप शंकर स्वयं केसरी नंदन है।

• लोगों द्वारा 27वीं चौपाई में सब पर राम तपस्वी राजा बोला जाता हैं जो गलत है जिसका सही रूप सब पर राम राज सिर ताजा हैं।

• इसके बाद गुरु जी ने तीसरी गलती यह बताई कि 32वीं चौपाई में राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपती के दासा पढ़ा जाता हैं जिसे सादर हो रघुपति के दासा पढ़ा जाना चाहिए।

• लोग "जो सत बार पाठ कर कोई" वाली लाइन भी गलत पढ़ते हैं जो सत बार कर जोई, छुट ही बंदी महा सुख होई के रूप में पढ़ी जानी चाहिए।

इन गलतियों को बताते हुए गुरु जी का वीडियो तेजी से वायरल (Viral) हो रहा है। इसे अब तक कई हजार लोग देख चुके हैं। लोग इस पर अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं कुछ लोग गुरु जी की बात को सही बता रहे है तो कुछ इसका विरोध भी कर रहे हो अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एक यूजर ने यह लिखा कि गुरुजी ने तुलसीदास (Tulsidas) द्वारा लिखी गई हनुमान चालीसा को गलत नहीं बताया बल्कि उनका कहना सिर्फ इतना है कि हनुमान चालीसा के कुछ शब्दों में त्रुटि हुई है क्योंकि तुलसीदास द्वारा लिखी गई हनुमान चालीसा की कोई प्रति मौजूद नहीं है इसलिए यह नहीं कहा जा सकता की गुरुजी की बात गलत है।

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