Mathura- नया साल मनाने के लिए श्रद्धालु बांकेबिहारी के दर्शनों के लिए आ रहे हैं। (Wikimedia Commons) 
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बर्फ की वादियों को छोड़, लोग नए साल में बांकेबिहार के दर्शन के लिए भारी संख्या में मथुरा आ रहे है

न्यूज़ग्राम डेस्क

Mathura - नया साल आते ही सभी छुट्टियों में शिमला मनाली या कश्मीर बर्फ की वादियों का लुफ्त उठाने जाते है ऐसे में दिल्ली-एनसीआर सहित कई राज्यों के लोगों में बर्फ की वादियों से ज्यादा बांकेबिहारी के दर्शन की उत्सुकता है। सर्दियों की छुट्टियां व्यतीत करने और नया साल मनाने के लिए श्रद्धालु बांकेबिहारी के दर्शनों के लिए आ रहे हैं। कुछ दिन पहले सभी ने शिमला मनाली के भीड़ की चर्चा की लेकिन आपको बता दे कि बीती 23, 24 और 25 दिसंबर की बात करें तो लगभग 18 लाख श्रद्धालु वृंदावन पहुंचे थे। जबकि क्रिसमस पर कुल्लू-मनाली जाने वाले पर्यटकों के आंकड़े 10-15 ही बताए जा रहे हैं। वहीं, शिमला में करीब 1.5 लाख पर्यटक पहुंचे। आलम यह है कि नए साल के मद्देनजर मथुरा-वृंदावन के 400 के करीब होटलों में एडवांस बुकिंग हो चुकी है। कमरों का किराया दो से तीन गुना मांगा जा रहा है।

सप्ताहांत और क्रिसमस के दिन बांकेबिहारी के दर्शन करने के लिए दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश और राजस्थान से करीब 18 लाख श्रद्धालु बांकेबिहारी का दर्शन करने आए और अब भी 2-3 लाख लोगों के आने का सिलसिला जारी है। नए साल की पूर्व संध्या और नए साल के शुरआती दिनों में करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। यही कारण है कि प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने पांच जनवरी तक बाहरी वाहनों के वृंदावन में प्रवेश पर रोक लगा दी है। भीड़ नियंत्रण के लिए मंदिर के आसपास अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।

नए साल के शुरुआत लोग बांकेबिहारी के दर्शन से कर रहे है जिससे उनके जीवन में शांति और खुशियां बरक़रार रहे।बांकेबिहारी मंदिर के सह प्रबंधक उमेश सारस्वत का कहना है कि सर्दियों की छुट्टी हो या फिर त्योहार या नया साल, इन मौकों पर देशभर से लाखों श्रद्धालु बांकेबिहारी के दर्शन करने के लिए आते हैं। यह सिलसिला एक जनवरी से दो दिन पहले से पांच जनवरी तक बना रहता है। फोगला आश्रम के प्रबंधक जागेश्वर प्रसाद यादव ने बताया कि उनके दोनों भवनों में 200 कमरे हैं, जो कि 12 नवंबर से 11 जनवरी तक फुल हैं। एक से दो माह पहले से ही कमरों की बुकिंग हो रही है। अन्य वर्षों की तुलना में इस बार ज्यादा श्रद्धालु वृंदावन आ रहे हैं। यही हाल वृंदावन के अन्य होटल और गेस्ट हाउस का है। सभी हाउसफुल हैं और प्रति कमरा किराया भी दो से तीन गुना हो गया है।

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