गिरिडीह में सम्मेद शिखर जी को पवित्र जैन तीर्थ क्षेत्र घोषित किया जाएं: जैन समाज (IANS)
गिरिडीह में सम्मेद शिखर जी को पवित्र जैन तीर्थ क्षेत्र घोषित किया जाएं: जैन समाज (IANS) पवित्र जैन तीर्थ क्षेत्र
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गिरिडीह में सम्मेद शिखर जी को पवित्र जैन तीर्थ क्षेत्र घोषित किया जाएं: जैन समाज

न्यूज़ग्राम डेस्क

झारखंड (Jharkhand) के गिरिडीह जिले में स्थित श्री सम्मेद शिखरजी (Shikhar ji), जिसे पारसनाथ (Parasnath) के नाम से भी जाना जाता है, जैन (Jain) धर्म के लोगों ने उसे जैन धर्म का सबसे बड़ा तीर्थ स्थान घोषित करने की मांग केंद्र सरकार से की है। जैन धर्म गुरुओं के मुताबिक, अनादि निधन, सबसे बड़ा तीर्थ क्षेत्र है, जहां से 24 में से 20 तीर्थकरों के साथ कोड़ा-कोड़ी महामुनिराज भी सिद्धालय गए हैं। दिल्ली (Delhi) में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्र संत महायोगी श्रमण श्री 108 विहर्ष सागर जी गुरुदेव ने कहा, "श्री सम्मेद शिखरजी जैनों का अनादि निधन पवित्र क्षेत्र है और इसके संरक्षण, सुरक्षा के लिए आज पूरा समाज एकजुट है।" उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार व केंद्र सरकार से यह पुरजोर अपील की जाती है कि इस तीर्थ को अहिंसक, शाकाहार, पवित्र जैन तीर्थ घोषित किया जाए। इसके बारे में झारखंड सरकार के अपर सचिव ने 22 अक्टूबर 2018 को कार्यालय ज्ञापन भी दिया था, जिसमें उन्होंने लिखा कि पारसनाथ सम्मेद शिखरजी पर्वत सदियों से जैन धर्मावलंबियों का विश्व प्रसिद्ध पवित्र एवं पूजनीय तीर्थ स्थल है। इसकी पवित्रता रखने के लिए सरकार कटिबद्ध है। इसी को गजट करके सरकार जैन समाज को हित कर सकती है।

उन्होंने बताया की श्री सम्मेद शिखरजी पर्यटन के रूप में या वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के रूप में समाज को कतई स्वीकार्य नहीं है। जैन समाज नहीं चाहता कि यहां पर पर्यटन रूपी सुविधाओं की शुरुआत की जाए। अतीत में कई बार पर्यटक टोंकों पर जूते चप्पल ले जाकर उसकी पवित्रता को भंग करते हैं, वहीं कुछ पर्यटक के रूप में यहां आकर मांस आदि बनाकर उसका भक्षण तक करते हैं, जो कि इस तीर्थ की पवित्रता को तार-तार करता है।

आईएएनएस/PT

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