सिख लड़के को फुटबॉल मैच के दौरान पटका हटाने पर मजबूर (IANS)

 

साथी खिलाड़ियों ने भी मैदान छोड़ा

धर्म

सिख लड़के को फुटबॉल मैच के दौरान पटका हटाने पर मजबूर करने पर साथी खिलाड़ियों ने भी मैदान छोड़ा

साथी खिलाड़ियों ने रेफरी को यह समझाने का प्रयास किया कि यह यह उसके धर्म से जुड़ा एक तत्व है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूजग्राम हिंदी: स्पेन (Spain) में एक फुटबॉल (Football) मैच के दौरान रेफरी ने नियम के अनुसार टोपी पहनना प्रतिबंधित होने की बात कहते हुए 15 वर्षीय एक सिख लड़के से अपनी पगड़ी उतारने के लिए कहा। सिखएक्सपो के इंस्टाग्राम पेज ने ला वनगार्डिया अखबार के हवाले से कहा कि पिछले सभी मैचों में रेफरी ने अररतिया सी टीम के गुरप्रीत सिंह (Gurpreet Singh) को पटका पहनने की अनुमति दी थी। अराटिया के अध्यक्ष प्रेडो ओरमजाबल ने अखबार को बताया, वह कम से कम पांच साल से सामान्य रूप से खेल रहा है, यहां तक कि कैडेट के रूप में अपने पहले साल में और इस सीजन में अब तक हमें कभी भी समस्या नहीं हुई।

उन्होंने कहा, पूरी स्थिति गुरप्रीत के लिए अपमानजनक थी।

साथी खिलाड़ियों ने रेफरी को यह समझाने का प्रयास किया कि यह यह उसके धर्म से जुड़ा एक तत्व है।

लेकिन रेफरी द्वारा नियमों पर जोर देने पर गुरप्रीत के साथियों ने एकजुटता दिखाते हुए मैदान छोड़ने का फैसला किया।

ओरमजाबल को इंस्टाग्राम पेज पर कहा गया कि गुरुप्रीत को प्रतिद्वंद्वी टीम का भी समर्थन मिला।

फुटबॉल

गुरप्रीत इस उम्मीद के साथ प्रतियोगिता में वापसी करने के लिए तैयार है कि जो स्थिति हुई वह दोबारा नहीं होगी।

एक इंस्टाग्राम यूजर जसकीरत कौर ने कहा, मुझे उम्मीद है कि रेफरी इस बारे में और जानने के लिए तैयार हैं और उतने जिद्दी नहीं हैं जितना उन्होंने उस दिन प्रतिक्रिया दी थी। लेकिन मैं टीम की एकजुटता देखकर खुश हूं! बहुत सम्मान।

फीफा के एक नियम के मुताबिक पुरुष फुटबॉल खिलाड़ी मैचों के दौरान पगड़ी पहन सकते हैं।

--आईएएनएस/PT

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