नवरात्र पूजा:- नवरात्र का त्योहार पूरे देश भर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।[Wikimedia Commons]
नवरात्र पूजा:- नवरात्र का त्योहार पूरे देश भर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।[Wikimedia Commons] 
धर्म

सीने पर 9 कलश रखकर लाल बाबा कर रहे हैं मां की आराधना

न्यूज़ग्राम डेस्क, Sarita Prasad

नवरात्र का त्योहार पूरे देश भर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। कुछ लोग मन्नतों के साथ नवरात्रि का पर्व मनाते हैं। बिहार के आरा में शारदीय नवरात्रि के दौरान शहर से लेकर गांव तक लोग मां दुर्गा की आराधना में जुटे हैं और इस दौरान भक्ति मां शेरावाली को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के आराधना और साधना की खबरें भी आ रही हैं। ऐसे ही आरा में एक भक्त पुजारी लाल बाबा उर्फ विनोद आनंद स्वामी है। जो सीने पर 9 पीतल के कलश रखकर मां की आराधना करते हैं ऐसा नहीं है कि लाल बाबा कोई यह पहली बार कर रहे हैं यह उनका 16 वर्ष है जब वे मां की आराधना के लिए ऐसी साधना कर रहे हैं। तो चलिए आपको मिलवाते हैं मां दुर्गा के इस भक्ति से।

क्या कारण है ऐसी साधना का

विनोद आनंद आर के आनंद नगर पुल के समीप अर्ध निर्मित काली मंदिर में मां के चरणों में आराधना करते पिछले 16 साल से आ रहे हैं। खुशी उत्साह से साधना में लगे यह बाबा लगातार 9 दिन नित्य क्रिया छोड़कर मां की आराधना करते हैं। उन्होंने कहा कि वे मानव समाज और धरती पर मौजूद हर प्राणियों के कल्याण के लिए यह तपस्या कर रहे हैं ताकि इसे पूरे समाज और देश का कल्याण हो।

बाबा लगातार 9 दिन नित्य क्रिया छोड़कर मां की आराधना करते हैं।[Wikimedia Commons]

बाबा के आराधना से सभी प्रसन्न हैं

लाल बाबा के इस तब साधना से हर कोई खुश है मंदिर के सेवक बताते हैं कि लाल बाबा की आस्था है और इसी आस्था से उन्हें शक्ति मिले हैं इसी आस्था के कारण आज बिहार के कोने-कोने से श्रद्धालु इस मंदिर में मत्था टेकने आते हैं। लाल बाबा के सब साधन से हर कोई आश्चर्यचकित है। सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे बाबा के दर्शन करते हैं और उनका आशीर्वाद भी लेते हैं।

लाल बाबा के सब साधन से हर कोई आश्चर्यचकित है। सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे बाबा के दर्शन करते हैं [Wikimedia Commons]

कितने कठिन होते हैं नियम

बाबा मां दुर्गा यानी शक्ति की पूजा करते हैं, बाबा का मानना है की जब तक मां का आशीर्वाद नहीं होता तब तक बाबा पूजा नहीं कर सकते। लाल बाबा का कहना है कि वे लोग नवरात्र करते हैं थोड़ा कष्ट होता है लेकिन वह अन्य जल त्याग करने की क्रिया छोड़कर पूजा करते हैं नवरात्रि शुरू होने के पहले 5 दिनों से अन्य पानी त्याग देते हैं और उसके बाद 9 दिन बिना भोजन पानी के ही कलश लेकर लेटे रहते हैं। उनकी इस तपस्या को सभी लोग सलाम करतें हैं।

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