साल की शुरुआत आईएसएसएफ विश्व कप से हुई। भारतीय टीम ने कुल 15 पदक जीते। युवा निशानेबाज सुरुचि फोगाट ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में क्लीन स्वीप किया, जबकि सौरभ चौधरी ने कमबैक करते हुए मेडल जीते। म्यूनिख और अन्य लेग्स में भी भारत ने 4 से अधिक पदक हासिल किए।
सीजन के अंत में दोहा में आईएसएसएफ वर्ल्ड कप (ISSF World Cup) फाइनल में भारत ने 6 पदक जीते, जिसमें 2 स्वर्ण, 3 रजत, और 1 कांस्य पदक शामिल हैं। सुरुचि सिंह और सिमरनप्रीत कौर ने स्वर्ण जीता।
एशियन शूटिंग चैंपियनशिप (Asian Shooting Championship) 2025 में भारत ने सीनियर और जूनियर श्रेणी में 99 पदक जीते, जिनमें 50 स्वर्ण पदक थे। एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में भारत का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
पदक विजेताओं में गुरप्रीत सिंह ने 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल में व्यक्तिगत और टीम प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। अनिश भानवाला ने 25 मीटर रैपिड फायर में रजत, एलावेनिल वलारिवान ने 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण, और अंकुर मित्तल ने डबल ट्रैप में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण जीता। मनु भाकर ने टीम के साथ ब्रॉन्ज जीता।
दिसंबर में काहिरा में आईएसएसएफ विश्व चैंपियनशिप में भारत ने 13 पदक जीते। इसमें 3 स्वर्ण, 6 रजत और 4 कांस्य पदक रहे।
सम्राट राणा (Samrat Rana) ने इतिहास रचा, पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण जीता। वरुण तोमर ने कांस्य जीता, और अनिश भानवाला ने 25 मीटर रैपिड फायर में रजत जीता। यह भारत के लिए बड़ी उपलब्धि थी। शॉटगन वर्ल्ड चैंपियनशिप में जोरावर सिंह संधु ने ट्रैप में कांस्य जीतकर पदक का 19 साल का इंतजार समाप्त किया।
युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखते हुए ओलंपिक में निशानेबाजी (Shooting) में पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जगी है।
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