बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह (सिन्हा) थे।‌ WiKimedia common
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Bihar Elections 2025: कौन है श्री बाबू उर्फ़ बिहार के पहले मुख्यमंत्री?

Bihar Elections 2025: उसूलों के पक्के थे बिहार के पहले मुख्यमंत्री क्या आपको पता है कि बिहार के पहले मुख्यमंत्री कौन थे? आईए जानते हैं….!

न्यूज़ग्राम डेस्क

  • बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्णा सिंह सिंह थे।‌ उन्होंने साल 1946 में प्रांतीय राज्य में चुनाव में जीत हासिल की थी।

  • श्री कृष्ण सिंह ( Shri Krishn Singh) को जनता प्यार से श्री बाबू भी बुलाती थी। ‌ श्री कृष्णा सिंह का कार्यकाल साल 1946 से 1961 तक रहा।

  • श्री कृष्णा सिंह ने एक बार अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए तात्कालिक प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को भी इस्तीफा देने की धमकी दे डाली थी।

1946 में बिहार को मिला अपना पहला मुख्यमंत्री, बिहार केसरी के नाम से थे मशहूर!

Assembly Elections 2025: बिहार राज्य इन दिनों अपने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जमकर तैयारी में लगा हुआ है, एक तरफ जहां आम जनता बिहार के नए मुख्यमंत्री का चेहरा देखने के लिए बेताब है तो दूसरी तरफ राजनीतिक दलों में बिहार का मुख्यमंत्री बनने के लिए आपसी तकरार और रणनीति देखी जा सकती है। बिहार विधानसभा चुनाव नवंबर 2025 में हो सकते हैं। हालांकि इन सबके बीच आज हम जानेंगे कि बिहार का पहला मुख्यमंत्री कौन था? तो हम आपको बता देते हैं कि बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह ( सिन्हा) ( Shri Krishn Singh) थे।‌ मुख्यमंत्री जी को आम जनता में पहले से ही प्रसिद्धि प्राप्त थी तथा जनप्रतिबद्धता की वजह से ही उन्हें सत्ता में भी ताकत हासिल हुई। श्री कृष्णा सिंह का एक ही नारा था, “पारदर्शी शासन और अपार जन समर्थन।”

यह उस समय की बात है, जब भारत आजाद नहीं हुआ था और कैबिनेट मिशन की राय के पश्चात साल 1946 में विभिन्न प्रांतीय राज्यों में चुनाव शुरू हुए‌‌। बिहार के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर श्री कृष्ण सिंह (सिन्हा) को चुना गया और उनके ही नेतृत्व में सरकार बनी। 15 अगस्त 1947 को देश आजाद होने के बाद संघीय शासन व्यवस्था को अपनाया गया। आजादी के पश्चात राज्यों में केंद्रीय प्रतिनिधि के रूप में राज्यपालों की नियुक्ति की गई। बिहार के पहले राज्यपाल के तौर पर जयरामदास दौलत राम चुने गए। श्री कृष्णा सिंह को आम जनता श्री बाबू के नाम से भी बुलाती थी। श्री कृष्णा सिंह का उद्देश्य केवल कानून और संविधान के राह पर चलना था।

जवाहरलाल नेहरू से टकरा गए बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह ( सिन्हा)

बिहार के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर श्री कृष्ण सिंह ( Shri Krishn Singh) ने अपने कार्यकाल में पंडित जवाहरलाल नेहरू तक को चौंकाने की परिस्थितियों को खड़ा कर दिया था। श्री बाबू अपने उसूलों के इतने पक्के थे कि उन्होंने जवाहरलाल नेहरू को सीधे तौर पर विरोध पत्र भेज दिया था। दरअसल एक बार श्री बाबू की तात्कालिक और बिहार के पहले राज्यपाल जयराम दास दौलतराम जी की कार्यशाली को लेकर तकरार होने लगी थी। दरअसल श्री बाबू जी दौलत राम की आसंवैधानिक गतिविधियों और कार्यशैली को लेकर दुखी थे। ‌उस समय केंद्र और राज्य दोनों ही जगह कांग्रेस की सरकार थी। तात्कालिक भारत में पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री रहे थे और वह उस समय के सबसे सम्माननीय और लोकप्रिय लीडर माने जाते थे। हालांकि जब श्री बाबू को लगा कि जन समर्थन में फैसले नहीं लिए जा रहे हैं तो उन्होंने सीधे तौर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की धमकी दे डाली। बिहार के मुख्यमंत्री के इस फैसले ने केंद्र सरकार को हिला डाला और अंत में पंडित जवाहरलाल नेहरू को श्री बाबू के सामने झुकना पड़ा और अपना फैसला बदलना पड़ा।

जवाहरलाल नेहरू से टकरा गए बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह ( सिन्हा)

बिहार मुख्यमंत्री के तौर पर श्री कृष्ण सिंह का कार्यकाल 1946 से लेकर 1961 तक रहा। श्री बाबू के राजनीतिक और मुख्यमंत्री कार्यकाल को बिहार के जनता कभी नहीं भूल सकती है क्योंकि उन्होंने जन समर्थन के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए और जमींदारी जैसी प्रथा का उन्मूलन भी किया। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने अछूत प्रथा का खंडन करते हुए दलितों को बैद्यनाथ धाम मंदिर में प्रवेश कराया। बिहार में औद्योगिक विकास का कार्य मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आगे बढ़ा। श्री बाबू के कार्यकाल में बिहार के बरौनी में ऑयल रिफायनरी और रासायनिक कारखाना खोला गया। सिंदरी में खाद्य कारखाना, रांची में भारी उद्योग निगम प्लांट और गंगा नदी पर राजेंद्र पुल जैसी सफल विकासीय गतिविधियों को देखा गया। मुख्यमंत्री श्री बाबू के कार्यकाल में बिहार राज्य का रूप ही बदल गया था और उस समय बिहार को भारत की सबसे बेहतरीन अर्थव्यवस्था वाला राज्य बताया जाता था। अतः अपने बेहतरीन राजनीतिक कार्यकाल और जनकल्याण के लिए लोकप्रिय रहे श्री कृष्ण सिंह (सिन्हा) ने साल 1961 में अंतिम सांस ली जिसके साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल भी समाप्त हो गया।

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल में हमने आपको बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह के बारे में बताया।‌ श्री कृष्णा सिंह के बारे में जानते हुए हमने देखा कि कैसे वह जनकल्याण और संवैधानिक आधार को सबसे ज्यादा महत्व देते थे तथा अपने पक्के उसूलों की वजह से उनका राजनीतिक कार्यकाल अविस्मरणीय रहा।

[OG/PSA]

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