बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के तीसरे घंटे तक राज्य में कुल 13.13% मतदान दर्ज किया गया। 6 नवंबर 2025 की सुबह 9 बजे तक सहरसा जिले में सबसे अधिक 15.27% मतदान हुआ। वैशाली जिला दूसरे स्थान पर रहा, जहां 14.30% वोटिंग हुई, जबकि सीवान में 13.35% मतदाताओं ने वोट डाले।
राजधानी पटना में सबसे कम मतदान दर्ज किया गया, जहां सुबह 9 बजे तक केवल 11.22% लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
जब उपमुख्यमंत्री और तारापुर सीट से भाजपा उम्मीदवार सम्राट चौधरी से पूछा गया कि अगर एनडीए की सरकार फिर से बनी तो क्या वे मुख्यमंत्री बनेंगे, तो उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार जी हमारे ‘मुखिया’ हैं और आगे भी रहेंगे।”
गृह मंत्री अमित शाह ने आज एक्स (X) पर पोस्ट कर बिहार के सभी लोगों से मतदान करने की अपील की। उन्होंने बिहार के मतदाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “भाइयों और बहनों, खासकर युवाओं,” और उन्हें बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में रिकॉर्ड संख्या में वोट देने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा, “आपका एक-एक वोट बिहार में जंगल राज की वापसी को रोकने का रास्ता तैयार करेगा।” उन्होंने अपने एक्स (X) पोस्ट में आगे लिखा कि हर वोट की अपनी अहमियत है और लोगों से अपील की कि वे उन लोगों को सबक सिखाएं “जो घुसपैठियों और नक्सलियों को संरक्षण देकर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करते हैं।”
राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने पटना में मतदान किया। वोट डालने के बाद उन्होंने कहा कि राज्य में बदलाव निश्चित रूप से होगा।
राजद नेता और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी बिहार विधानसभा चुनाव में अपना वोट डालने के लिए पहुंचीं। उन्होंने अपने दोनों बेटों — महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव और जन शक्ति जनता दल के तेज प्रताप यादव — को शुभकामनाएं दीं। राबड़ी देवी ने कहा, “मेरी शुभकामनाएं दोनों बेटों के साथ हैं।” उन्होंने आगे कहा, “तेज प्रताप अपने दम पर चुनाव लड़ रहे हैं। मैं उनकी मां हूं, दोनों को शुभकामनाएं देती हूं।”
राबड़ी देवी के छोटे बेटे तेजस्वी यादव अपनी पत्नी राजश्री यादव के साथ पटना के एक मतदान केंद्र पर वोट डालने पहुंचे। वोट डालने के बाद उन्होंने कहा, “14 नवंबर को नई सरकार बनेगी।” अपनी स्याही लगी उंगली दिखाते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, “बदलाव कीजिए, नया बिहार बनाइए, नई सरकार बनाइए।”
पटना में बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान दो महिलाओं ने आरोप लगाया कि उन्हें वोट डालने का अधिकार नहीं दिया गया। इनमें से एक, श्रेया मेहता नाम की महिला ने दावा किया कि उसका नाम आधिकारिक वोटर सूची में क्रम संख्या 17 पर दर्ज है। उसने बताया कि उसके पास डिजिटल स्लिप है, क्योंकि प्रिंटेड स्लिप नहीं दी गई थी। और प्रिंटेड वोटर स्लिप न होने के कारण उसे मतदान करने से रोका गया।
गिरिराज सिंह ने मतदान के बाद कहा कि इस बार एनडीए 121 सीटें जीतेगी और 2010 के चुनाव से भी अधिक सीटें हासिल करेगी। उन्होंने दावा किया कि जनता का पूरा समर्थन एनडीए के साथ है और बिहार में मजबूत सरकार बनेगी।
लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के सेना से जुड़े बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए गिरिराज सिंह ने आगे कहा कि राहुल गांधी ने सेना पर बयान देकर खुद को ही शर्मिंदा किया है। उन्हें इन मुद्दों की कोई समझ नहीं है। वे गरीबी को समझने के लिए 'कलावती' के घर जाते हैं, जबकि पीएम मोदी उसी वर्ग से उठकर आए हैं। फटे जूते पहनने वाला ही जानता है कि चलने में कैसी तकलीफ होती है। राहुल गांधी ऐसा बयान देकर समाज और सेना के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
वही, दूसरी ओर पटना के दीघा स्थित मिलर हाई स्कूल के मतदान केंद्र में मंत्री नितिन नवीन ने अपना वोट डाला। उन्होंने भी लोगों से बड़ी संख्या में मतदान करने की अपील की।
लखीसराय से भाजपा के प्रमुख उम्मीदवार और बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विधानसभा चुनाव के पहले चरण में अपना वोट डाला। उन्होंने कहा कि “मतदान शांति पूर्ण तरीके से शुरू हो गया है” और इसके लिए चुनाव आयोग का आभार व्यक्त किया।
राजद नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने 2025 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले रात करीब 1 बजे एक वीडियो संदेश साझा किया। उन्होंने सभी मतदाताओं — पहली बार वोट देने वाले युवाओं से लेकर हर आम नागरिक तक — से मतदान करने की अपील की।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में आज 243 में से 121 सीटों पर मतदान हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मतदाताओं से पूरे उत्साह के साथ वोट डालने और लोकतंत्र के इस उत्सव में भाग लेने की अपील की है। आज सुबह 6:45 बजे उन्होंने एक्स (X) पर पोस्ट किया,
"आज बिहार में लोकतंत्र के उत्सव का पहला चरण है। मेरी सभी मतदाताओं से अपील है कि वे पूरे उत्साह के साथ मतदान करें..."
बिहार चुनाव 2025 (Bihar Election 2025) का पहला चरण गुरुवार, 6 नवंबर 2025 को सुबह 7 बजे से शुरू होगा। 243 सीटों वाली विधानसभा के लिए यह चुनाव दो चरणों में होगा 6 नवंबर और 11 नवंबर 2025 को। कुल 7.4 करोड़ मतदाता 2,616 उम्मीदवारों में से अपने प्रतिनिधि चुनेंगे।
इस बार मुकाबला तीन बड़े गठबंधनों के बीच है, एनडीए (NDA), महागठबंधन (Mahagathbandhan) और जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party)। सरकार बनाने के लिए 122 सीटों का बहुमत जरूरी है। नतीजे 14 नवंबर 2025 को घोषित होंगे, जबकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म होगा।
पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर वोटिंग हो रही है, जहां 1,314 उम्मीदवार मैदान में हैं। सभी बूथों पर 100% वेबकास्टिंग की सुविधा रखी गई है। मतदान शाम 6 बजे तक चलेगा।
यह सीट तेजस्वी यादव (आरजेडी), सतीश कुमार यादव (भाजपा) और चंचल सिंह (जन सुराज पार्टी) के बीच त्रिकोणीय मुकाबले में है। यह आरजेडी का गढ़ और यादव परिवार का गढ़माना जाता है। 2015 और 2020 में तेजस्वी यादव ने यहां से कम अंतर से जीत दर्ज की थी। इस बार हार महागठबंधन के मनोबल को झटका दे सकती है।
यह सीट हरी नारायण सिंह (जेडीयू), अरुण कुमार (कांग्रेस) और कमलेश पासवान (जन सुराज पार्टी) के बीच मुकाबले में है। यह वही सीट है जहां से नीतीश कुमार ने 1985 में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। इस बार यह सीट एनडीए की पकड़ और यादव-मुस्लिम इलाकों में उसका असर जांचेगी।
यहां मुकाबला सम्राट चौधरी (भाजपा), अरुण कुमार (राजद) और डॉ. संतोष सिंह (जन सुराज पार्टी) के बीच है। यह उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की सीट है। ओबीसी वोट और एनडीए के अंदरूनी मतभेद इस सीट को दिलचस्प बनाते हैं।
यह सीट विजय कुमार सिन्हा (भाजपा), विजय प्रकाश (राजद) और सूरज कुमार (जन सुराज पार्टी) के बीच है। यह एनडीए के उपमुख्यमंत्री के प्रभाव क्षेत्र में आती है। यहां शहरी और ग्रामीण आबादी का मिला-जुला स्वरूप है और प्रवास (migration) का मुद्दा बड़ा है। 2020 में भाजपा ने यहां बहुत कम अंतर से जीत दर्ज की थी।
यह शहरी इलाका रत्नेश कुमार (भाजपा), शशांक शेखर (कांग्रेस) और विनीता मिश्रा (जन सुराज पार्टी) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देख रहा है। यहां ईबीसी (अत्यंत पिछड़ा वर्ग) और मुस्लिम वोटरों की संख्या अच्छी है। विकास और कानून व्यवस्था इस सीट का मुख्य मुद्दा है।
यहां मुकाबला श्याम रजक (जेडीयू), गोपाल दास राय (भाकपा-माले) और प्रो. शशिकांत प्रसाद (जन सुराज पार्टी) के बीच है। यह दलित वोटरों के लिए अहम सीट है। 2020 में यहां का अंतर सिर्फ 5,000 वोटों के आसपास था।
यहां तेज प्रताप यादव (जनशक्ति जनता दल), मुकेश कुमार रौशन (राजद), संजय कुमार सिंह (लोजपा) और इंद्रजीत प्रधान (जन सुराज पार्टी) के बीच बहु-कोणीय मुकाबला है। यह सीट यादव परिवार की अंदरूनी जंग के कारण सुर्खियों में है। यहां यादव, दलित और मुस्लिम वोटरों की अच्छी संख्या है। 2020 में राजद ने यहां 20,000 वोटों से जीत हासिल की थी।
यह सीट अनंत कुमार सिंह (जेडीयू), वीना देवी (राजद) और प्रियदर्शी पीयूष (जन सुराज पार्टी) के बीच है। यह क्षेत्र अपराध और हिंसा के लिए जाना जाता है। ‘बाहुबली’ छवि वाले अनंत सिंह जेल से लौटकर फिर चुनाव मैदान में हैं। हाल के दिनों में यहां हिंसक झड़पें हुई हैं, जिससे कानून व्यवस्था का मुद्दा फिर गरम है।
विभिन्न सर्वे के अनुसार, एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है, जबकि जन सुराज पार्टी नई ताकत के रूप में उभर रही है।
मुख्य मुद्दे हैं, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, पलायन, खराब सड़कें और सरकारी सेवाओं की कमजोरी।
2020 के चुनाव में एनडीए ने 125 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी।
इस बार के नतीजे इसलिए भी खास हैं क्योंकि हाल ही में बिहार में "स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR)" हुआ था, जिसे लेकर विपक्ष ने सरकार पर "वोट चोरी" और चुनाव आयोग के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए थे।
अब जब चुनाव आयोग ने देशभर में इसी तरह का रिवीजन शुरू किया है, तो बिहार चुनाव 2025 को भारत के चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता की परीक्षा माना जा रहा है।