<div class="paragraphs"><p>14 साल बाद नक्सलियों के गढ़ में स्थापित शिविर (सांकेतिक/ Wikimedia Commons)</p></div>

14 साल बाद नक्सलियों के गढ़ में स्थापित शिविर (सांकेतिक/ Wikimedia Commons)

 

शिविर

छत्तीसगढ़

14 साल बाद नक्सलियों के गढ़ में स्थापित शिविर

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूज़ग्राम हिंदी: नक्सली खतरे के कारण विस्मृत हुए वाणिज्यिक मार्ग की बहाली को एक कदम आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने छत्तीसगढ़ के अति नक्सल प्रभावित इलाके सुकमा के बेद्रे में अपना शिविर (FOB) स्थापित कर लिया है। ये सफलता सुरक्षा बलों के लिए नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में एक उल्लेखनीय मील का पत्थर साबित होगी। सीआरपीएफ ने ये जानकारी दी है। सीआरपीएफ के प्रवक्ता ने बताया कि सीआरपीएफ की 165 बटालियन और छत्तीसगढ़ पुलिस ने दक्षिण बस्तर क्षेत्र में स्थित सुकमा जिले के अत्यधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र बेद्रे में सफलतापूर्वक एक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) स्थापित किया है। एक अधिकारी ने बताया कि यह एफओबी जगरगुंडा में इमली बाजार को जिला मुख्यालय बीजापुर और दंतेवाड़ा से जोड़ने वाले पुराने व्यापार मार्ग को फिर से खोलने में प्रभावी रूप से मदद करेगा, वहीं यह उस ट्रांजिट कॉरिडोर को भी बंद कर देगा जिसका उपयोग नक्सली पश्चिम बस्तर और दक्षिण बस्तर के बीच आवाजाही के लिए करते थे।

गौरतलब है कि इसी के पास कुंदर में एक एफओबी की स्थापना 165 बटालियन सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस ने पिछले साल दिसंबर के मध्य में की थी। यह बेद्रे एफओबी सिलगर और कुंदर एफओबी से लगभग 5 किलोमीटर और जगरगुंडा एफओबी से लगभग 10 किमी की दूरी पर स्थित है।



जानकारी के मुताबिक 2006 में माओवादी खतरे के उभरने तक ये इलाका भारत के प्रमुख इमली बाजार के तौर पर जाना जाता था। जगरगुंडा इलाका इमली और अन्य वन उपज के लिए व्यापारिक केंद्र हुआ करता था। सीआरपीएफ ने बताया कि 17 साल बाद इस शिविर के साथ प्रशासन निर्णायक रूप से व्यापारिक मार्ग की बहाली कर पाएगा और इस प्रकार क्षेत्र के आर्थिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

--आईएएनएस/VS

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