<div class="paragraphs"><p>छत्तीसगढ़: पति की चिता पर लेटी&nbsp;महिला</p><p>(IANS)</p></div>

छत्तीसगढ़: पति की चिता पर लेटी महिला

(IANS)

 

सोशल मीडिया

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: पति की चिता पर लेटी महिला

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूजग्राम हिंदी: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा जिले के कसोली गांव में शुक्रवार को हृदय विदारक दृश्य देखने को मिला। महिलाओं और बच्चों समेत बड़ी संख्या में आदिवासी लोग अपने स्थानीय हीरो लखमू मारकम को अंतिम विदाई देने के लिए जुटे। जिले में बुधवार को हुए माओवादी हमले में मारकम समेत 10 जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) जवानों की मौत हो गई थी। शहीद जवान अमर रहे के नारों के बीच मारकम के परिवार के सदस्य और ग्रामीण आदिवासी कर्मकांड में व्यस्त थे। इसी बीच उसकी पत्नी चिता पर लेट गई।

चिता से थोड़ी ही दूरी पर मारकम के परिवार के सदस्य उसके पार्थिव शरीर को घेरे खड़े थे जबकि उसकी पत्नी चिता पर लेटी रही। जब लोगों ने उससे चिता से उतरने के लिए कहा तो उसने कहा कि वह अपने पति के शरीर को धुआं होते नहीं देख सकती।

उसके विरोध के बावजूद गांव वालों ने किसी तरह उसे चिता से उतरने के लिए मना लिया। इसके बाद मारकम का अंतिम संस्कार किया गया।

एक स्थानीय पत्रकार ने इस हृदय विदारक दृश्य की तस्वीरें खींच ली थी। उसने सोशल मीडिया (Social Media) पर इसे साझा किया।

छत्तीसगढ़: दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में 11 जवान शहीद(IANS)

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, मारकम एक प्रशिक्षित सिपाही था। वह पहले स्थानीय आदिवासियों के समूह 'सलवा जुडूम' से जुड़ा था जिसका गठन माओवादियों की गतिविधियों से निपटने के लिए किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2011 में समूह को समाप्त कर दिया गया था।

बाद में उसे डीआरजी में शामिल कर लिया गया जिसका गठन दंतेवाड़ा जिले में 2015 में छत्तीसगढ़ सरकार ने किया था। डीआरजी विशेष पुलिस बल है जिसमें ज्यादातर स्थानीय आदिवासी और आत्मसमर्पण कर चुके माओवादी हैं।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, माओवादी हमले में मारे गए 10 डीआरजी जवानों में से पांच आत्मसमर्पण कर चुके माओवादी थे जो हथियार डालने के बाद इस विशेष बल में शामिल हुए थे।

रायपुर के पत्रकार ने बताया, डीआरजी में स्थानीय आदिवासियों को शामिल किया जाता है क्योंकि वे उस इलाके से अच्छी तरह वाकिफ होते हैं और उन्हें अपने इलाके में माओवादी गतिविधियों की ज्यादा जानकारी होती है। डीआरजी टीम ने समय-समय पर माओवादियों के खिलाफ कई ऑपरेशन किए हैं। इसीलिए माओवादी उन्हें अपना निशाना बनाते हैं।

--आईएएनएस

रहस्यों से भरा है केदारेश्‍वर गुफा मंदिर, केवल एक स्तंभ पर है खड़ा

मई में कब है मोहिनी एकादशी? इस दिन व्रत रखने से सदा बनी रहती है श्री हरि की कृपा

ताजमहल को चमकाने में लग जाते हैं करोड़ों रुपए, एक खास तरीका का किया जाता है इस्तेमाल

राजस्थान का ये झील एक रात में बनकर हुई तैयार, गर्मियों में भी यहां घूमने आते हैं लोग

अमर सिंह चमकीला पर बनी फिल्म में अभी भी बाकी है उनके जीवन के कुछ हिस्से