इस मुठभेड़ में मारे गए दो नक्सलियों के शव बरामद हो चुके हैं। जबकि, एक राइफल सहित अन्य हथियार और बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की गई है। सुरक्षाबलों का ऑपरेशन अभी भी जारी है।
पुलिस के अनुसार, नक्सलियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने गुरुवार की रात से ही सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। शुक्रवार की सुबह करीब 6 बजे दक्षिण-पश्चिमी बीजापुर के घने जंगलों में संयुक्त टीम ने माओवादियों (Maoists) को घेर लिया। जवाबी कार्रवाई में माओवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। लगभग दो घंटे चली इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया।
मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने सर्च के दौरान दो माओवादियों के शव बरामद किए। इनके पास से एक .303 राइफल, एक एसएलआर, कुछ देसी हथियार और भारी मात्रा में आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) मिले।
इसके अलावा, दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे चावल, दवाइयां और प्रचार सामग्री भी बरामद हुई। पुलिस को शक है कि मारे गए माओवादी स्थानीय दस्ते के सदस्य हो सकते हैं। लेकिन, उनकी पहचान अभी जारी है।
यह घटना बीजापुर के उन इलाकों में हुई, जहां माओवादी लंबे समय से सक्रिय हैं। जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया, "ऑपरेशन सफल रहा है। लेकिन, अभी खतरा बरकरार है, इसी कारण सर्च जारी रखी गई है।"
उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन में शामिल बलों की संख्या, सटीक स्थान जैसी संवेदनशील जानकारियां अभी साझा नहीं की जा सकतीं, ताकि जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित रहे। किसी सुरक्षाकर्मी के घायल होने की खबर नहीं है।
बता दें कि बीजापुर छत्तीसगढ़ (Chhattishgarh) का वह जिला है, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रमुख है। यहां के जंगल माओवादियों के लिए छिपने का सुरक्षित ठिकाना बने हुए हैं। इस साल अब तक राज्य में कई ऐसी मुठभेड़ें हो चुकी हैं, जिनमें कई नक्सली मारे गए हैं।
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