दिल्ली में रखी पहले 'Bamboo Theme Park'  की नींव
दिल्ली में रखी पहले 'Bamboo Theme Park' की नींव Wikimedia Commons
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दिल्ली में रखी पहले 'Bamboo Theme Park' की नींव

न्यूज़ग्राम डेस्क

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मंगलवार को शहर के पहले Bamboo Theme Park 'बांसेरा' की नींव रखी और इसे दिल्ली के लोगों को समर्पित किया है। इस पार्क में असम से 25,000 से अधिक विशेष किस्म के बांस के पौधे लगेंगे। बैंबू-बांस के रोपण से राजधानी की वायु प्रदूषण की समस्या को काफी हद तक दूर होगी।

इसके साथ ही दूसरी ओर यह भी सुनिश्चित होगा कि बाढ़ के मैदानों की समृद्ध जैव विविधता संरक्षित और व्यवस्थित रहेगी और इससे एक ओर राजधानी में आवश्यक सार्वजनिक स्थानों को बढ़ाने के लक्ष्य की प्राप्ति होगी।

इस शहर की अपनी तरह की प्रथम पहल का नाम 'बांसेरा' रखा गया है, जो हिंदी शब्द 'बसेरा' से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'निवास'।

इस अवसर उपराज्यपाल ने कहा कि, बड़े पैमाने पर Bamboo-बांस के रोपण से राजधानी की वायु प्रदूषण की समस्या को काफी हद तक दूर करने में मदद मिलेगी। बांस लगभग 30 फीसदी अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन करता है, जबकि यह बहुत कम पानी की खपत करता है और मिट्टी को समृद्ध करता है।

परिधि पर बांस के पेड़, शहर के वातावरण में ऑक्सीजन बढ़ाने के अलावा, मौसमी धूल भरी आंधी के कारण होने वाले प्रदूषण को रोकने में भी मदद करेंगे। इसके अलावा, बांस विभिन्न आर्थिक गतिविधियों जैसे फर्नीचर बनाने, अगरबत्ती आदि के लिए एक स्रोत के रूप में, दिल्ली में रोजगार के अवसर पैदा करने और आय बढ़ाने में मदद करेगा।

यमुना नदी के बाढ़ के मैदानों की बहाली और कायाकल्प की DDA की प्रसिद्ध परियोजना एक पहल के रूप में शुरू की जा रही है, ताकि बाढ़ के मैदानों के पारिस्थितिक विशिष्टता को बढ़ाया जा सके और उन्हें बड़े पैमाने पर जनता के लिए सुलभ बनाया जा सके। महत्वाकांक्षी 'बांसेरा' परियोजना के तहत इस परियोजना को अगले स्तर पर ले जाया जा रहा है, जिसकी संकल्पना और मगदर्शन खुद उपराज्यपाल ने किया है।

पश्चिमी तट पर राष्ट्रीय राजमार्ग-24 के दक्षिण में बाढ़ के मैदान के 10 हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक और अजैविक सामग्री के रूप में बांस का उपयोग करके थीम आधारित बहुउद्देशीय क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस साल जून में साइट की पहचान करते हुए, उपराज्यपाल ने वहां 2.5 हेक्टेयर के अवसाद क्षेत्र को एक जलाशय के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया था। इसके लिए काम पूरा कर लिया गया है और यह जलाशय बांसेरा का हिस्सा होगा।

परियोजना के बारे में उपराज्यपाल सक्सेना ने आगे कहा, पूरे क्षेत्र को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है, मुख्य रूप से ग्रीनवे जोन में बांस मनोरंजन क्षेत्र और नदी के जल में होने वाले अन्य प्रकार के वृक्षारोपण के साथ बांस वृक्षारोपण क्षेत्र।

ग्रीनवे जोन में बांस के मनोरंजनात्मक क्षेत्र में एक आगमन जोन होगा- एक ऐसा क्षेत्र जो शहर के भीड़-भाड़ वाले जीवन से दूर पेड़ों के बीच से होते हुए नदी किनारे तक की एक यादगार यात्रा का अनुभव कराएगा और आपको रुचिकर स्थल तक ले जाएगा।

इसके साथ ही बांस के पेड़ों के नीचे बैठने के स्थान के साथ ही एक Bamboo कैफे का भी प्रस्ताव है। एक जगह पर जुटने के लिए बडे स्थानों को भी डिजायन किया गया है, जिसमें बांस के झुरमुट एक घेरे की संरचना उपलब्ध कराएंगे। वहीं जुलाई में, असम से बांस की 15 किस्मों की 20000 पौध को खरीदा गया और एक नर्सरी को पहले ही तैयार किया गया, ताकि इस स्थल पर मॉनसून में पौधरोपण के समय यह पौध दिल्ली की जलवायु स्थितियों के अनुकूल ढल सकें ।

(आईएएनएस/AV)

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