झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शविवार को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में राज्य की नयी पर्यटन नीति लांच की। उन्होंने देश भर के निवेशकों से राज्य में पर्यटन विकास की योजनाओं में निवेश की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार उन्हें सभी तरह की सुविधाएं, सुरक्षा और आकर्षक अवसर प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की प्राकृतिक और ऐतिहासिक संपदाएं देश-दुनिया के पर्यटकों को लुभाने वाली है। भू-गर्भीय अनुसंधान में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि जलमग्न ब्रह्मांड में साढ़े तीन सौ करोड़ वर्ष पहले धरती का सबसे पहला हिस्सा जो प्रकट हुआ था, वह झारखंड का ही हिस्सा है। राज्य के राजमहल में 15 करोड़ वर्ष पुराने फॉसिल्स प्रचुर संख्या में मौजूद हैं, जिन्हें सरकार ने एक पार्क में संग्रहित किया है। झारखंड के नेतरहाट स्कूल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह देश का इकलौता स्कूल है, जिसने सबसे ज्यादा आईएएस-आईपीएस दिये हैं। 42 तरह की खनिज संपदाओं से समृद्ध इस धरती के नीचे और ऊपर तमाम विशेषताएं हैं, जो इसे पर्यटन और अध्ययन के लिए दुनिया के आकर्षण का केंद्र बनाती हैं।
कार्यक्रम में लांच की गयी नयी पर्यटन नीति में निवेशकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से लाइसेंस, प्रोत्साहन और सब्सिडी का वादा किया गया है। इसके अलावा बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर (BOT), BOOT (बिल्ट ऑन ऑपरेट ट्रांसफर), BLT (बिल्ट लीज ट्रांसफर) के जरिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बीच एक रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी का प्रस्ताव किया गया है। नई पर्यटन इकाइयों को सहायता प्रदान करने के लिए उन्हें पूंजी निवेश में प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार पर्यटकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पर्यटक सुरक्षा बल, 24 घंटे की पर्यटक हेल्पलाइन और केंद्रीय नियंत्रण कक्ष की स्थापना सुनिश्चित कर रही है।
कार्यक्रम में राज्य की प्राकृतिक संपदा, परंपरा और संस्कृति की झांकी दिखानेवाली नेशनल ज्योग्राफिक इंडिया की फिल्म पोस्टकार्ड ऑफ झारखंड के प्रोमो का भी प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर राज्य के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, सीएम के प्रधान सचिव राजीव वरुण एक्का, सचिव विनय चौबे, विभागीय सचिव अमिताभ कौशल भी मौजूद रहे।
(आईएएनएस/AV)