न्यूज़ग्राम हिंदी: राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर पर रविवार को दोपहर के बाद से सन्नाटा पसरा हुआ है, जहां देश के शीर्ष पहलवान(Wrestler's Protest) एक महीने से अधिक समय से भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के यौन शोषण के खिलाफ धरना दे रहे थे। विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, संगीता फोगाट और बजरंग पुनिया सैकड़ों समर्थकों के साथ जब नियोजित महिलाओं की 'महापंचायत' के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ रहे थे, सुरक्षा घेरा तोड़कर कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करने के आरोप में उन्हें हिरासत में ले लिया गया। उन्हें जबरन बस में डालकर अलग-अलग थानों में रखा गया।
दिल्ली पुलिस ने पहलवानों के चारपाई, गद्दे, कूलर, पंखे, तिरपाल की छत और अन्य सामानों को हटाकर विरोध स्थल को खाली करना शुरू कर दिया।
साक्षी मलिक ने ट्विटर पर लिखा, हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। पुलिस हिरासत से रिहा होने के बाद हम जंतर-मंतर पर अपना विरोध फिर से शुरू करेंगे। इस देश में कोई तानाशाही नहीं चलेगी, बल्कि महिला पहलवानों के नेतृत्व में और जोरदार विरोध प्रदर्शन होगा।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "प्रदर्शनकारियों को जंतर-मंतर पर वापस जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।"
नजफगढ़ से पहलवानों का समर्थन करने आए और जंतर मंतर पर सुबह 5 बजे पहुंचे अजीत (58) ने कहा, "हम अपने खिलाड़ियों के यहां लौटने का इंतजार कर रहे हैं और जब वे आएंगे, तो हम उन्हें उनके विरोध में हर तरह की सहायता और समर्थन देंगे।
हरियाणा के रोहतक से जंतर-मंतर पर पहुंचे कुश्ती कोच परवेश नांदल (38) ने कहा, अगर पुलिस हमें अपना विरोध जारी रखने की अनुमति नहीं देती है, तब भी हम न्याय के लिए अपनी लड़ाई बंद नहीं करेंगे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया और धरना स्थल को खाली कराने में तेजी दिखाई, मगर डब्ल्यूएफआई प्रमुख को गिरफ्तार करने की उसमें हिम्मत नहीं है। क्या कानून केवल न्याय के लिए लड़ने वालों पर लागू होता है?"
पालम खाप के अध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने कहा, "हर कोई गुस्से में है और आज पहलवानों के साथ जो हुआ, वह अस्वीकार्य है। जल्द ही एक 'महा खाप पंचायत' बुलाई जाएगी और हजारों लोग दिल्ली आएंगे, पहलवानों के लिए न्याय की मांग करते रहेंगे।"
--आईएएनएस/VS