सुदामा पाण्डेय ‘धूमिल’ ने आज से करीब 40 बरस पहले कुछ पंक्तियाँ लिखीं जो वर्तमान समय की परिस्थतियों पर बिल्कुल ठीक बैठती हैं। धूमिल लिखते हैं कि,
हर तरफ धुआं है
हर तरफ कुहासा है
जो दांतों और दलदलों का दलाल है
वही देशभक्त है।
ये पंक्तियाँ वर्तमान समय में इसलिए याद आ रहीं हैं क्यूंकी यह वक़्त एक ऐसे कुहासे से गुज़र रहा है जहां जनता विकास के रास्ते से भटककर ज़िंदा रहने की ज़द्दोजहद में उलझ गई है।
अरविन्द केजरीवाल (Arvind Kejriwal) दिल्ली की सत्ता में काबिज़ होने के लिए 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान चीख - चीख कर यह वादा कर रहे थे कि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करवाएंगे। यह बात सिर्फ वादे तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि आम आदमी पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में प्रदूषण मुक्त दिल्ली का वादा ‘केजरीवाल की 10 गारंटी’ में शामिल किया था। गौरतलब है कि, अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली के वायु प्रदूषण को कम से कम 3 गुना घटाने का वादा किया था। इसके साथ ही ‘यमुना की धारा को स्वच्छ’ करने का वादा भी 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो (AAP Manifesto) में लिखा था।
आम आदमी पार्टी के मेनिफेस्टो में 'प्रदूषण मुक्त दिल्ली' का वादा
ऐसे ही वादों की फेहरिस्त पर भरोसा कर के आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया को दिल्ली के विधान सभा (Vidhan Sabha) चुनावों में 63 सीटों पर जनता ने चुनाव जितवाया था। आज हम अरविंद केजरीवाल के इस वादे का अवलोकन करेंगे। यह समझने का प्रयास करेंगे कि आखिर केजरीवाल की 10 गारंटियों' में से एक यह गारंटी कितनी दूरी तय कर पाई या कितने कदम चलकर दम तोड़ चुकी है!
हम यदि वादों से इतर जमीनी बात करें और आंकड़ों की तरफ नजर डालें तो ज्ञात होता है कि दिल्ली वर्तमान समय में दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में टॉप 10 में शामिल है। 15 मार्च 2023 को छपी इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में दिल्ली चौथे (4th) स्थान पर काबिज है, यानि दुनिया का चौथा सबसे प्रदुषित शहर है। इंडियन एक्सप्रेस की यह रिपोर्ट आईक्यू एयर (IQAir) द्वारा जारी की गई दुनिया भर के प्रदूषित शहरों की सूची पर आधारित थी।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार दिल्ली दुनिया का चौथा सबसे प्रदुषित शहर है। (The Indian Express)
वहीं यदि हम 'यमुना की स्वच्छ धारा' की ओर निगाह दौड़ाएं तो दिखता है कि दिल्ली में बह रही यमुना में अमोनिया की मात्रा खतरे के निशान से ऊपर है। पिछले ही दिनों, दिल्ली के वजीराबाद में बह रही यमुना (Yamuna River) में जब अमोनिया की मात्रा नापी गई तो यमुना में अमोनिया का स्तर 8 पीपीएम के करीब था। यह काफी खतरनाक स्थिति कही जा सकती है क्योंकि, भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार यह तय किया गया है कि पीने के पानी में अमोनिया की अधिकतम मात्रा 0.5 पीपीएम होनी चाहिए।
आम आदमी पार्टी के गठन और उसके कामकाज की पड़ताल पर आधारित Transparency: Pardarshita नाम की एक वेब सीरीज बनाई गई है। इस वेब सीरीज के एपिसोड नंबर - 2 में यमुना सफाई के मुद्दे को मुखरता से उठाया गया है।
Produced and Directed by: Dr. Munish Raizada
यहाँ देखें - Transparency: Pardarshita web series
वादा और आंकड़ा दोनों आपके सामने है। यह बात साफ है कि दिल्ली (Delhi) की जनता को 2020 में, आम आदमी पार्टी के घोषणा पत्र के दूसरे ही पन्ने पर ‘केजरीवाल की 10 गारंटी’ के तहत ‘प्रदूषण मुक्त दिल्ली’ के वादे के रूप में सिर्फ एक झुनझुना पकड़ाया गया। सवाल अब जनता को ही करना है क्यूंकी, सुदामा पाण्डेय ‘धूमिल’ अपनी पंक्तियों में जिस कुहासे और धुएं का जिक्र कर रहे थे, उसकी आड़ में दिल्ली की जनता के साथ दिल्ली की सत्ता में बैठी सरकार कौन सा सपना बेच रही है इसकी पड़ताल जरूरी है।
Story By - Saurabh Singh