न्यूजग्राम हिंदी: अक्सर गोदामों में अनाजों की बर्बादी के लिए सुर्खियों में रहने वाले गोवा (Goa) के नागरिक आपूर्ति विभाग ने एक बार फिर तटीय राज्य के कार्डधारकों को राशन में कीड़ों, घुन और फंगस से प्रभावित चावल की आपूर्ति की है। नागरिक आपूर्ति निदेशक गोपाल पारसेकर (Gopal Parsekar) ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि यह सच है कि कुछ उचित मूल्य की दुकानों पर खराब चावल मिला है, जिसे जल्द ही बदल दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, हम आमतौर पर गोदामों में रखे चावल की जांच करते हैं, हालांकि आपूर्ति किए गए चावल की तस्वीरों से साफ होता है कि यह खराब हो गया है और इसलिए हम इसे बदल देंगे।
पूर्व नागरिक आपूर्ति मंत्री जोस फिलिप डिसूजा ने भारी मात्रा में इस चावल की बर्बादी के लिए अधिकारियों को लताड़ा है।
गोवा राकांपा अध्यक्ष डिसूजा ने कहा, नागरिक आपूर्ति निरीक्षकों को उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) पर अनाज पहुंचाने से पहले इसकी जांच करनी चाहिए। मैं सीधे मंत्री को दोष नहीं देता, लेकिन जांच करना अधिकारी का काम है। उन्होंने इसकी जांच नहीं की है और इसलिए ये अनाज एफपीएस तक पहुंच गए हैं।
उन्होंने कहा कि एफपीएस मालिकों को जब पता चला कि चावल में संक्रमण हो गया है तो उन्हें यह जनता को नहीं देना चाहिए था। डिसूजा ने कहा, इसके लिए उन्हें भी दोषी ठहराया जाना चाहिए क्योंकि वे इसे अधिकारियों के संज्ञान में लाने में विफल रहे।
उन्होंने कहा, जब मैं मंत्री था, हमने जनता को ऐसी वस्तुओं का कभी वितरण नहीं किया। लोगों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए और ऐसी खराब वस्तुओं की आपूर्ति नहीं की जानी चाहिए। सरकार इस पर रोक लगाने में विफल रही। इसे केंद्र सरकार को वापस भेजा जाना चाहिए।
डिसूजा ने कहा, मैं वास्तव में दुखी हूं कि जनता को इस तरह के खराब चावल की आपूर्ति की जाती है। गोदाम अच्छे होने चाहिए और वहां रखी वस्तुओं का ध्यान रखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि खराब चावल की आपूर्ति करना और फिर उसे अस्वीकार कर उचित मूल्य की दुकान द्वारा गोदामों में वापस भेजना फिजूलखर्ची है। परिवहन पर पैसा क्यों बर्बाद करें।
नाम न छापने की शर्त पर एक एफपीएस मालिक ने कहा कि विभाग द्वारा उन्हें इस तरह के संक्रमित चावल की आपूर्ति करना गलत है।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Wikimedia Commons)
उन्होंने कहा, वे इसकी जांच करें और फिर इसे हमें भेजें। हम जनता को ऐसे चावल की आपूर्ति कैसे कर सकते हैं। अगर हम ऐसा करते हैं तो यह हमारी ओर से गलत होगा। यह विभाग द्वारा प्रबंधन की पूरी तरह से विफलता है। जिम्मेदार अधिकारियों पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए अन्यथा ऐसी चीजें जारी रहेंगी।
पिछले साल अगस्त में, गोदामों में 241 टन तुअर दाल खराब पाए जाने के बाद नागरिक आपूर्ति विभाग की आलोचना हुई थी।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) ने तब कहा था कि 241 टन अरहर की बर्बादी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
सावंत ने कहा था, अरहर (Arhar) दाल सड़ने जैसी घटना को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। अगर गोदामों में और सामान खराब पाया जाता है तो अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गोदाम अच्छी स्थिति में नहीं होने पर भी अपव्यय नहीं हो सकता। इसे (कमोडिटीज) एक्सपायरी से पहले इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
--आईएएनएस/PT