मोरबी जिले का पुल Wikimedia
गुजरात

गुजरात के मोरबी जिले में पुल ढहने की घटना की होगी जांच

गुजरात के गृह मंत्री ने बताया कि इस घटना के संबंध में एक आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया है।

न्यूज़ग्राम डेस्क, Ritu Singh

गुजरात (Gujarat) सरकार ने सोमवार को घोषणा की कि गुजरात के मोरबी (Morbi) जिले में पुल ढहने की घटना की जांच के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया है।


गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा, 'मोरबी में झूलते पुल ढहने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 132 हो गई है। मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद (Ahemdabad) से निकलते समय कल ही एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया है। अलग-अलग स्थानों पर तैनात सभी अधिकारियों को रात दो बजे तक मोरबी में रिपोर्ट करने को कहा गया है। जांच चल रही है।


गुजरात के गृह मंत्री ने बताया कि इस घटना के संबंध में एक आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया है।


सांघवी ने कहा, 'रेंज आईजीपी के नेतृत्व में आज जांच शुरू हो गई है। सभी ने रात भर काम किया। नौसेना, राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF), वायुसेना (Airforce) और थल सेना तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई। 200 से अधिक लोगों ने खोज और बचाव अभियान के लिए पूरी रात काम किया है।


अधिकारियों के अनुसार सेना, नौसेना (Navy), वायुसेना, एनडीआरएफ और दमकल विभाग की टीमों ने पुल ढहने के बाद माचू नदी में गिरे पीड़ितों का पता लगाने के लिए रात भर तलाशी अभियान चलाया।


गुजरात के मोरबी में तैनात भारतीय सेना की टीमों ने हादसे में जीवित बचे लोगों के लिए खोज और बचाव अभियान जारी है । तीनों रक्षा सेवाओं ने तलाशी अभियान के लिए अपनी टीमें तैनात कर दी हैं। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि गोताखोरों, उपकरणों, नौकाओं और अन्य सामग्रियों सहित भारतीय तटरक्षक बल के तीन दलों को कल रात से मोरबी में घटनास्थल पर तैनात किया गया है।

मोरबी जिले का पुल

घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल, गृह राज्य मंत्री हर्षभाई सांघवी, मंत्री बृजेशभाई मेरजा और राज्य मंत्री अरविंदभाई रैयानी आधी रात को घटनास्थल पर पहुंचे और व्यक्तिगत रूप से बचाव अभियान का अवलोकन किया और निर्देश दिए।


इसके अलावा अन्य स्थानों से भी टीमें मौके पर पहुंचने लगीं। विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों, राजकोट पीडीयू अस्पताल और सुरेंद्रनगर सिविल अस्पताल के लगभग 40 डॉक्टरों ने मोरबी सिविल अस्पताल में घायलों का आपातकालीन उपचार शुरू कर दिया है।


पुल ढहने के बाद राजकोट नगर निगम की नाव और लाइफ जैकेट सहित बचाव सामग्री मोरबी पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया।


घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए राजकोट, जामनगर, जूनागढ़ महानगर पालिका और मोरबी नगर पालिका से आपातकालीन एम्बुलेंस (ambulance) रात भर चलती रहीं। रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue operation) में कई निजी एंबुलेंस भी शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि सुरेंद्रनगर से सेना की टीम अपनी तीन एम्बुलेंस और उपकरणों के साथ शामिल हुई।


जो लोग हादसे से कुछ देर पहले ही पुल से वापस चले गए थे उनका कहना है की कुछ युवको ने जानबूझकर पुल को हिलाना शुरू कर दिया, जिससे लोगों का चलना मुश्किल हो गया। पुल के कर्मचारियों ने भी सभी लोगो को पहले ही सतर्क किया था।

ब्रिटिश (British) काल का यह पुल सात महीने तक मरम्मत कार्य के लिए बंद रहने के बाद चार दिन पहले ही जनता के लिए फिर से खोल दिया गया था।

घटना के समय करीब 300 लोग पुल पर मौजूद थे जिनमे ज्यादा संख्या में बच्चे थे जोकि दिवाली की छुट्टियों के दौरान घूमने आए थे।

मौजूदा जानकारी के अनुसार 132 लोगो की इस हादसे में जान गयी है वही 2 लापता है। साथ ही बता दे की मृत लोगो की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है

RS

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