Laxmi Vilas Palace :सयाजीराव गायकवाड़ (तृतीय), जो साल 1875 में बड़ौदा रियासत के महाराजा बने और साल 1939 तक गद्दी पर रहे, उन्होंने ही बड़ौदा में लक्ष्मी विलास पैलेस बनवाया था।(Wikimedia Commons) 
गुजरात

दुनिया का सबसे बड़ा निजी निवास स्थान, गुजरात के बड़ौदा में है स्थित

न्यूज़ग्राम डेस्क

Laxmi Vilas Palace : क्या आप जानते हैं दुनिया का सबसे बड़ा निजी निवास स्थान भारत में है? लेकिन ये निवास स्थान रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी का नहीं है। दरअसल, गुजरात के बड़ौदा रियासत के गायकवाड़ के स्वामित्व वाला लक्ष्मी विलास पैलेस दुनिया का सबसे बड़ा निजी निवास स्थान माना जाता है। सयाजीराव गायकवाड़ (तृतीय), जो साल 1875 में बड़ौदा रियासत के महाराजा बने और साल 1939 तक गद्दी पर रहे, उन्होंने ही बड़ौदा में लक्ष्मी विलास पैलेस बनवाया था। यह बकिंघम पैलेस से चार गुना बड़ा है।

लक्ष्मी विलास के बनने से पहले बड़ौदा का राज परिवार सरकारवाड़ा और नजरबाग पैलेस में रहा करते थे। इसके बाद जब सयाजीराव गायकवाड़ (तृतीय) गद्दी पर बैठे तो उन्हें लगा कि गायकवाड़ राज परिवार के लिए नया महल बनना चाहिए। उन्होंने उस जमाने के मशहूर आर्किटेक्ट मेजर चार्ल्स मांट से महल का नक्शा डिजाइन करने को कहा। आर्किटेक्ट मेजर चार्ल्स मांट, इससे पहले दरभंगा से लेकर कोल्हापुर के महाराजा का महल डिजाइन कर चुके थे।

यह महल 3,04,92,000 वर्ग फीट में फैला हुआ है।(Wikimedia Commons)

10 साल लगा इसे बनने में

मेजर चार्ल्स मांट ने नक्शा बनाना शुरू किया लेकिन बीच में ही उनकी मौत हो गई। इसके बाद महाराजा ने रॉबर्ट फेलोज चिसॉल्म को नया आर्कटिक्ट नियुक्त किया। फिर साल 1880 में लक्ष्मी विलास पैलेस बनना शुरू हुआ और करीब 10 साल में बनकर तैयार हुआ। महल में उस जमाने की तमाम मॉडर्न फैसेलिटीज जैसे- एलीवेटर, टेलीफोन एक्सचेंज, इलेक्ट्रिकल सप्लाई जैसी चीजें लगाई गईं। बताया जाता है कि महल में खास कारीगरी के लिए विदेश से भी मजदूर बुलवाए गए।

दुनिया का सबसे बड़ा निजी निवास स्थान

लक्ष्मी विलास पैलेस में छोटे-बड़े कुल 170 कमरे हैं। इस महल के कई कमरे थीम बेस्ड हैं। जैसे- सिल्वर रूम या गुलाबी रूम। पैलेस का सबसे खास हिस्सा इसका दरबार हॉल बताया जाता है, जो करीब 5000 स्क्वायर फीट में फैला है। इसी दरबार हॉल में महाराज बैठा करते थे और उनके लिए महफिलें सजा करती थीं।

यह महल 3,04,92,000 वर्ग फीट में फैला हुआ है। लक्ष्मी विलास पैलेस को बनाने में उस वक्त करीब 60 लाख रुपये खर्च हुए थे। लेकिन आज के दौर में इसकी कीमत 2,4000 करोड़ रुपये से भी अधिक आंकी गई है।

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