दिवाया राम पाकिस्तान में सांसद थे, लेकिन हिंदू होने के कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया। (Sora AI) 
हरियाणा

पाकिस्तान का पूर्व सांसद बना हरियाणा में आइसक्रीम वाला, बोला – भारत ही अब मेरा वतन है

पाकिस्तान में सांसद रहे दिवाया राम (Divaya Ram) आज हरियाणा (Haryana) की गलियों में आइसक्रीम बेच रहे हैं। अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार से तंग आकर भारत आए थे। अब भारत में ही बसने का सपना है। उनका कहना है, "अगर ज़रूरत पड़ी, तो पाकिस्तान के खिलाफ सबसे पहले मैं ही हथियार उठाऊंगा।"

न्यूज़ग्राम डेस्क

हरियाणा (Haryana) के फतेहाबाद में एक 80 वर्षीय बुज़ुर्ग आइसक्रीम बेचते दिखते हैं, लेकिन उनकी पहचान सिर्फ इतनी नहीं है। ये हैं दिवाया राम (Divaya Ram), जो पाकिस्तान में बेनज़ीर भुट्टो की सरकार में सांसद (Former MP of Pakistan) रह चुके हैं। आज वो अपने परिवार के साथ भारत में शांतिपूर्ण जीवन जी रहे हैं, लेकिन उनकी कहानी संघर्ष, साहस और उम्मीदों से भरी है।

पाकिस्तान में हिंदू होने की सज़ा

1989 में दिवाया राम (Divaya Ram) को पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीट पर सांसद बनाया गया था। लेकिन सत्ता में रहते हुए भी एक हिंदू लड़की के अपहरण को रोक न पाने की बेबसी ने उन्हें झकझोर दिया। उन्होंने कुछ ही दिनों में सांसद पद से इस्तीफा दे दिया। सन 2000 में दिवाया राम (Former MP of Pakistan) अपने परिवार के 13 सदस्यों के साथ भारत आए। उनके पास सिर्फ एक महीने का टूरिस्ट वीज़ा था, लेकिन अल्पसंख्यकों पर अत्याचार से परेशान होकर उन्होंने भारत में ही बसने का फैसला किया। आज उनका परिवार 30 लोगों का हो चुका है, जिसमें से 6 को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है और बाकी ने आवेदन कर दिया है।

2000 में परिवार समेत भारत आए और अब हरियाणा में आइसक्रीम बेचकर जीवन यापन कर रहे हैं। (Sora AI)

रतिया के रतनगढ़ में बसने के बाद दिवाया राम (Divaya Ram) ने आइसक्रीम की रेहड़ी लगाना शुरू किया। आज भी वह यही काम करते हैं, लेकिन उनकी आत्मा में देशभक्ति जिंदा है। वह कहते हैं, “अगर पाकिस्तान के खिलाफ लड़ने का कभी भी मौका मिला तो सबसे पहले हथियार मैं उठाऊंगा।” पाकिस्तान के बखर ज़िले में उनके दादा की 25 एकड़ ज़मीन आज भी है, लेकिन दिवाया राम को अब उस मिट्टी से मोह नहीं है। उनका परिवार अब भारत का हिस्सा बन चुका है, उनका आधार कार्ड, प्रमाण पत्र सब भारत के ही हैं।

दिवाया राम (Former MP of Pakistan) का चचेरा भाई ओमप्रकाश भी 2006 में पाकिस्तान से भारत आया और फतेहाबाद में बस गया। उसकी शादी स्थानीय विधायक के रिश्तेदार से हुई और उसके 6 लोगों को भी भारत की नागरिकता मिल चुकी है। फतेहाबाद के एसपी सिद्धार्थ जैन ने बताया कि ये लोग नागरिकता संशोधन कानून के तहत वैध रूप से भारत में रह रहे हैं और उनके आवेदन प्रक्रिया में हैं। फिलहाल किसी को भी वापस पाकिस्तान भेजने का कोई आदेश नहीं है।

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उनके परिवार के कुछ लोगों को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है, बाकी आवेदन प्रक्रिया में हैं। (Sora AI)

निष्कर्ष

एक तरफ पाकिस्तान में हिंदू होना जुर्म था, दूसरी तरफ भारत में मिली शांति और सम्मान।दिवाया राम की कहानी बताती है कि वास्तविक मातृभूमि वो होती है, जहां इंसान को इज्ज़त और सुरक्षा मिले। [Rh/PS]

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