एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक रिपोर्ट में हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) विधानसभा चुनावों में जीतने वाले लगभग 93 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति (Crorepati) हैं, लगभग 41 प्रतिशत ने खुद के खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। हिमाचल प्रदेश इलेक्शन वॉच और एडीआर ने हिमाचल प्रदेश 2022 विधानसभा चुनाव में सभी 68 विजयी उम्मीदवारों के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है।
2022 में विश्लेषण किए गए 68 विजयी उम्मीदवारों में से 28 (41 प्रतिशत) विजयी उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि 2017 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान 22 (32 प्रतिशत) विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए थे।
जहां तक गंभीर आपराधिक मामलों वाले जीतने वाले उम्मीदवारों का संबंध है, 12 (18 प्रतिशत) जीतने वाले उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है।
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक विजेता उम्मीदवार ने अपने खिलाफ हत्या (आईपीसी की धारा-302) से संबंधित मामला घोषित किया है और एक विजेता उम्मीदवार ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामलों की घोषणा की है।
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि कांग्रेस के 40 विजयी उम्मीदवारों में से 23 (58 प्रतिशत) और भाजपा के 25 विजयी उम्मीदवारों में से पांच (20 प्रतिशत) ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
इसी तरह, कांग्रेस के 40 विजयी उम्मीदवारों में से नौ (23 प्रतिशत) और भाजपा के 25 विजयी उम्मीदवारों में से तीन (12 प्रतिशत) ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है।
विधायकों के फायनेंशियल बैकग्राउंड पर, एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है, विश्लेषण किए गए 68 विजयी उम्मीदवारों में से 63 (93 प्रतिशत) करोड़पति हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान 52 (76 प्रतिशत) विधायक करोड़पति थे।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में जीतने वाले उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 13.26 करोड़ रुपए है।
कांग्रेस के 40 विजयी उम्मीदवारों की प्रति विजयी उम्मीदवार की औसत संपत्ति 14.25 करोड़ रुपये, भाजपा के 25 विजयी उम्मीदवारों की 12.42 करोड़ रुपये जबकि तीन निर्दलीय उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 7.09 करोड़ रुपये है।
आईएएनएस/PT