Kerala Famous Temple : मन्नारसला श्री नागराज मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो नाग देवता नागराज को समर्पित किया गया है।(Wikimedia Commons) 
केरल

केरल का सबसे अनोखा मंदिर, यहां मिलेंगे आपको 30 हज़ार सांप

न्यूज़ग्राम डेस्क

Kerala Famous Temple : भारत के लोग प्रकृति से काफी जुड़े हुए हैं। इस पृथ्वी पर मौजूद पेड़ - पौधे, नदी, वायु, जीव जंतु सभी की अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका है। इसी कारण यहां के लोग प्रकृति की पूजा करते हैं। भारत में जीव जैसे गाय तथा सांपो की भी पूजा होती है लेकिन आपको ये जानकार हैरानी होगी कि केरल में सांपों की पूजा के लिए एक अलग मंदिर है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं मन्नारसाला श्री नागराजा मंदिर की। यहां का दौरा आध्यात्मिकता और परंपरा से भरपूर एक अविस्मरणीय अनुभव देने वाला होता है। केरल के शांत जंगल में स्थित यह मंदिर नाग देवता नागराज को समर्पित है। यहां भक्त सुख - समृद्धि के लिए प्रार्थना और विशेष अनुष्ठान करते हैं। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां असंख्य नाग मूर्तियां है और लोगों को उनकी दिव्य शक्तियों पर पूर्ण विश्वास है।

अलाप्पुझा में स्थित यह प्राचीन मंदिर

मन्नारसला श्री नागराज मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो नाग देवता नागराज को समर्पित किया गया है। भारत के केरल राज्य के अलाप्पुझा में स्थित यह प्राचीन मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला और समृद्ध इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। यह केवल एक पूजा स्थल नहीं है बल्कि इसके अलावा एक सांस्कृतिक खजाना भी है जो केरल की समृद्ध विरासत और मान्यताओं की झलक दिखलाता है। यह प्रसिद्ध नागराज मंदिर "मन्नारसला" अधिकांश साँप मंदिरों की तरह, एक जंगल के मैदान में स्थित है। मन्नारसाला मंदिर में रास्तों और पेड़ों के बीच सांपों की 100,000 से अधिक छवियां हैं, और यह भारत के केरल में ऐसा सबसे बड़ा मंदिर बताया जाता है।

यह भारत के केरल में ऐसा सबसे बड़ा मंदिर बताया जाता है। (Wikimedia Commons)

क्यों आते हैं शादी शुदा जोड़े

मन्नारसला नागराजा मंदिर का दौरा करते समय पारंपरिक परिधान सबसे पसंदीदा पोशाक हैं। इस मंदिर में महिलाएं साड़ी, चूड़ीदार, पावड़ा और ब्लाउज पहन सकती हैं। मन्नारसाला नागराजा मंदिर में प्रवेश करते समय पुरुषों को शर्ट पहनने की अनुमति नहीं है। आपको बता दें प्रजनन क्षमता का सौभाग्य पाने की इच्छा रखने वाले शादी शुदा जोड़े यहां पूजा करने आते हैं और इसके बाद अपने बच्चे के जन्म पर यहां धन्यवाद समारोह भी आयोजित करने आते हैं, जो अक्सर प्रसाद के रूप में सांपों की नई छवियां लाते हैं।

इस मंदिर में दर्शन करने का समय

यहां दर्शन का समय सुबह 5-11 बजे और शाम को 6 से 7.30 बजे है। सुबह 10.30 से 12.00 बजे के बीच मठ में रहने वाली पवित्र मां के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। जिन्हें अम्मा कहकर हर कोई पुकारता है। मंदिर के अंदर सांपों की हजारों खूबसूरत मूर्तियां देखी जा सकती हैं।

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